संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने भारत समेत दुनियाभर में अपनी जगह हासिल करने के लिए महिलाओं द्वारा विश्व में चलाये गये आंदोलनों की प्रशंसा की लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि पिछले वर्षों में की गयी प्रगति काफी नहीं है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिये। संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों के उच्चायुक्त जैदी बिन राद अल हुसैन ने आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कहा, यह उत्साहवर्धक है कि बड़ी संख्या में महिलाएं अपने अधिकारों की मांग करने के लिए एकजुट हो रही हैं।
अल हुसैन ने अर्जेंटीना, पोलैंड और सउदी अरब में महिलाओं के आंदोलनों की प्रशंसा की, जहां महिलाओं और पुरषों ने कुछ लैंगिक और प्रजनन अधिकारों का अपराधीकरण करने के विधायिका के प्रस्तावों के खिलाफ मार्च किया और बदलाव की मांग करते हुये सड़कों पर उतरे। उन्होंने एक बयान में कहा, भारत में हमने यौन हिंसा के खिलाफ महिलाओं को प्रदर्शन करते हुये देखा और समाज में अपना स्थान हासिल करने के लिए आंदोलन चलाते हुये देखा।
यह समय साथ आकर पिछले समय में की गयी अहम प्रगति की रक्षा करने और सकारात्मक गति बनाये रखने का है। संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त ने बांग्लादेश, बुरंडी और रूस में अहम कानूनों को हाल ही में वापस लिये जाने को अत्यधिक परेशानी वाला बताया। यहां बाल विवाह, वैवाहिक बलात्कार और घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाओं के अधिकारों को कमजोर किया गया।
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