न्यूयॉर्क पहुंची सुषमा स्वराज, अमेरिका-जापान और भारत की आज होगी त्रिपक्षीय वार्ता
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वार्षिक संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क पहुंच चुकी हैं।
संयुक्त राष्ट्र: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वार्षिक संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क पहुंच चुकी हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, इस वार्षिक सभा में अमेरिका, जापान और भारत के बीच त्रिपक्षीय वार्ता होगी। इसके साथ ही विदेश मंत्री स्वराज भूटान के प्रधानमंत्री तहेशिंग तोबगे के साथ भी मुलाकात करेंगी। (पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पत्नी को मिली बड़ी जीत)
सत्र में भारत के प्रमुख लक्ष्यों को रेखांकित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने शनिवार को कहा था, "हमारा एजेंडा व्यापक, प्रगतिशील और विस्तारवादी है और वैश्विक प्रकृति के लक्ष्य हैं।" सत्र की औपचारिक बैठकें सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में सुधार के मुद्दों पर चर्चा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयोजित एक सम्मेलन की शुरुआत के साथ शुरू होंगी, जहां सुषमा भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस दौरान सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ अगले हफ्ते न्यू यॉर्क में आमने-सामने हो सकते हैं। 23 सितंबर को वह यूएन सभा में भाषण देंगी।
संयुक्त राष्ट्र के कैलेंडर में सत्र के सप्ताह के लिए यौन प्रताड़ना समाप्त करने से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं समेत विविध विषयों पर 100 से भी अधिक समाराहों को सूचीबद्ध किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार के अनुसार, सुषमा सत्र में शामिल होने वाले नेताओं के साथ करीब 20 द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय बैठकें करेंगी। इसके अलावा सुषमा दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क), गुट निरपेक्ष आंदोलन, ब्रिक्स, विकासशील देशों के समूह जी77 समेत कई क्षेत्रीय और विशेष संगठनों के साथ भी कई बैठकों में शामिल होंगी। सुषमा साथ ही मंगलवार को जलवायु परिवर्तन पर उच्च स्तरीय गोल मेज सम्मेलन को भी संबोधित करेंगी।
अकबरुद्दीन ने कहा कि विदेश मंत्री सौर ऊर्जा कार्यक्रमों को भी प्रमुखता से उठा सकती हैं, जो जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने के लिए मोदी की प्राथमिकताएं हैं। यूएनजीसीए सत्र में भारत की प्राथमिकताओं को लेकर अकबरुद्दीन ने कहा कि यह पांच स्तंभों- संयुक्त राष्ट्र सुधार, प्रवासन, आतंकवाद का मुकाबला और शांति स्थापना पर आधारित हैं। हालांकि सुषमा इस दौरान परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी संधि हस्ताक्षर कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी, जिसके लिए 120 से अधिक देशों ने समर्थन दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी भी सत्र में शामिल होंगे। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि दोनों के बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं होगी, लेकिन वे सार्क और जी77 बैठकों में शामिल होंगे।