... तो इस कारण कुंवारी महिलाएं हैं यहां बुजुर्गों से संबंध बनाने के लिए मजबूर
दमिश्क: सीरियाई गृहयुद्ध जो कि सीरियाई विद्रोह या सीरियाई संकट के नाम से भी जाना जाता है, सीरिया में सत्तारूढ़ 'बाथ सरकार' के समर्थकों एवं विपक्षियो के बीच चल रहा सशस्त्र संघर्ष है। सीरिया में
दमिश्क: सीरियाई गृहयुद्ध जो कि सीरियाई विद्रोह या सीरियाई संकट के नाम से भी जाना जाता है, सीरिया में सत्तारूढ़ 'बाथ सरकार' के समर्थकों एवं विपक्षियो के बीच चल रहा सशस्त्र संघर्ष है। सीरिया में गृहयुद्ध का दौर अभी भी चल रहा है। हर साल सीरिया से लाखों लोग देश छोड़ कर दूसरे देशों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। समय समय पर बड़े बड़े देशों की सरकारें सीरिया में अपनी सेना भेजते रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर और तुर्की सरकार के आंकड़े के अनुसार, सीरिया में गृह युद्ध के कारण 50 लाख से ज्यादा लोग पड़ोसी देशों में भाग गए हैं।
तुर्की के दैनिक हुर्रियत ने रिपोर्ट के हवाले से कहा, कुल 5,018,168 लोगों ने तुर्की, लेबनान, जार्डन, इराक और मिस्र में शरण ली है। आंकड़ों के मुताबिक, सीरियाई सरकार और इसके रूसी सहयोगियों की दिसंबर में उत्तरी शहर अलेप्पो में विद्रोहियों के खिलाफ जीत से पलायन बढ़ा है। लाखों लोग सीरिया के दूसरे हिस्सों में चले गए हैं। इसमें मार्च में गए दस हजार लोग भी शामिल हैं जिसमें मुख्य तौर पर महिलाएं और बच्चे हैं जो हमा शहर के उत्तरपश्चिम में विद्रोही हमले से बचने का प्रयास कर रहे हैं।
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इस देश के युवाओं को सेना मे भर्ती होने पर मजबूर किया जाता है। एक ताजा खबर के मुलाबिक सीरिया में 70 फीसदी महिलाएं कुंवारी हैं। सेना में पुरूषों के शामिल होने के कारण यहां कि महिलाओं को अपनी पसंद का कोई लाइफ पार्टनर नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से महिलाओं को जबरन और मजबूरन अपने से दोगुने उम्र के पुरूषों से शादी करनी पड़ती है। एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि सीरिया में चलने वाले गृहयुद्ध के कारण यहां के युवाओं को जबरन सैना में भर्ती होना पड़ता है। जबकि बहुत से युवा कैद में बंद हैं। बाकि बचे हुए युवा जूसरे देशों की ओर पलायन कर रहे हैं। जिस वजह से इस देश में शादी के लिए लड़का ढूंढ़ना किसी परीक्षा से कम नहीं है। इस देश की महिलाओं का कहना है कि इस देश में लेस्बियन संबंधों को स्वीकार किया जा रहा है।
सीरिया में रहने वाली एक 32 वर्षीय महिला का कहना है कि सैना में शामिल होने के कारण यहां की आधे से ज्यादा महिलाए विधवा हो चुकी हैं। पुरूषों के बिना यहां ना तो बाजारों में रौनक है ना ही बार में। शुकरान ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि उनका एक ब्वॉयफ्रैंड था जो कि क्रिश्चियन था और शुकरान मुस्लिम। जिस कारण दोनों की शादी नहीं हो पाई। शुकरान कहती हैं कि उनका मन भी शादी करने को करता है, उन्हें भी बच्चे पैदा करने हैं लेकिन किसी अच्छे लड़के के ना मिलने के कारण वह शादी नहीं कर पा रही है।