नई दिल्ली: फेमस वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का कहना है कि धरती पर कायनात का काउंटडाउन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा है कि ग्लोबल वॉर्मिंग, जैनेटिकली इंजीनियर्ड वायरस और न्यूक्लियर वॉर के कारण पृथ्वी के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। जो कि हमारे लिए खतरे की घंटी है। हमें सचेत हो जाना चाहिए। उनका कहना है कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए विशेष कदम उठाने होंगे। हमने अपनी सुरक्षा के लिए अपने लिए ही विनाश के मार्ग खोल दिए हैं।
रूसी वैज्ञानिक कॉन्सेन्टाइन स्लोकोवस्की का कहना है कि धरती बेशक मानवता का पालना है, लेकिन हम हमेशा पालने में नहीं रह सकते हैं। हमें और भी आशियाने तलाशने होंगे। अंतरिक्ष में अनंत संभावनाएं हैं। हम चांद पर कदम रख चुके हैं। मंगल तक हमारी पहुंच है। और भी कई ऐसे अनजान ग्रह हैं जहां हम आबाद हो सकते हैं।
जैनेटिक ली इंजीनियर्ड वायरस का प्रकोप हम सभी देख चुके हैं। पिछले दिनों इबोला वायरस के कारण अफ्रीका में मौत के खेल से हम सभी परिचित हैं। वर्ष 2014-15 में इबोला वायरस के कारण फैली महामारी से मुश्किल से बचा गया है। लेकिन फिर भी इसके कारण हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। जैनेटिकली इंजीनियर्ड वायरस इससे भी ज्यादा तबाही फैला सकता है। हाल में स्किन कैंसर के इलाज के लिए टी-वेक थैरेपी की खोज की गई है। इसके अनुसार शरीर की प्रतिरोध क्षमता को ही विकसित कर कैंसर से लड़ा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार वायरसों के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए अभी और अधिक शोध की जरूरत है। इन वायरसों की सूची लंबी है। इनमें शामिल हैं बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू और हाल का जीका वायरस।
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