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'रूस के दुश्मनों को पछताना पड़ेगा', राष्ट्रपति पुतिन ने खुलेआम दी चेतावनी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को पश्चिम को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि रूसी सुरक्षा हितों को नुकसान होने पर उनका देश "त्वरित और सख्त" जवाब देगा। पुतिन ने यह चेतावनी अपने सालाना राष्ट्र के नाम संबोधन में दी।

'रूस के दुश्मनों को पछताना पड़ेगा', राष्ट्रपति पुतिन ने खुलेआम दी चेतावनी- India TV Hindi Image Source : AP 'रूस के दुश्मनों को पछताना पड़ेगा', राष्ट्रपति पुतिन ने खुलेआम दी चेतावनी

मास्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को पश्चिम को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि रूसी सुरक्षा हितों को नुकसान होने पर उनका देश "त्वरित और सख्त" जवाब देगा। पुतिन ने यह चेतावनी अपने सालाना राष्ट्र के नाम संबोधन में दी। उनकी यह टिप्पणी यूक्रेन के पास बड़े पैमाने पर रूसी सैन्य जमावड़े के बीच आई है, जहां रूस समर्थित अलगाववादियों और यूक्रेनी बलों के बीच हाल के दिनों में टकराव बढ़ गया है। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का आग्रह किया है। 

पुतिन ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि रूस के संबंध में कोई भी खतरे के निशान (रेडलाइन) को पार करने की हिम्मत नहीं करेगा।’’ उन्होंने कहा कि जो लोग रूस के मुख्य सुरक्षा हितों के लिए खतरा पैदा करेंगे, उन्हें बहुत पछताना पड़ेगा। पुतिन ने कहा कि वह आगे बढ़कर कार्रवाई नहीं करना चाहते लेकिन अगर कोई हमारे अच्छे इरादों को उदासीनता या कमजोरी समझता है तो हम सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे। 

पुतिन ने अपने परमाणु शस्त्रों को आधुनिक बनाने के कदमों की ओर इशारा किया और कहा कि सेना अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइलों और अन्य नए हथियारों की खरीद जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों से लैस ‘अंडरवाटर’ ड्रोन और परमाणु हथियारों को ढोने में सक्षम क्रूज मिसाइल का विकास सफलतापूर्वक जारी है। 

पुतिन ने किसी देश का नाम लिए बिना एक विदेशी सरकार की निंदा की जो अपनी बातें दूसरों पर थोपने के लिए "गैरकानूनी व राजनीतिक रूप से प्रेरित आर्थिक प्रतिबंध’’ लागू करती है। उन्होंने कहा कि रूस संयम दिखाता रहा है और अक्सर दूसरों की "उकसाने" वाली कार्रवाई का जवाब देने से परहेज किया है। 

पुतिन ने अपने संबोधन के दौरान कहा, "रूस के अपने हित हैं, जिनका हम अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार बचाव करेंगे। अगर कोई इस स्पष्ट बात को समझने से इनकार करता है, या वह बातचीत के पक्ष में नहीं है और स्वार्थी तथा अहंकारी रुख अपनाता है, तो रूस हमेशा अपनी स्थिति का बचाव करने के लिए कोई रास्ता ढूंढ लेगा।"

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