दमिश्क: सीरिया और रूस ने सैन्य एयर बेस पर भीषण बमबारी के लिए इस्राइल को दोषी बताया है। दमिश्क के बाहर हुए कथित गैस हमले से वैश्विक दबाव बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्रांस के उनके समकक्ष इमैनुअल मैक्रों ने विद्रोहियों के कब्जा वाले शहर डूमा पर संदिग्ध रासायनिक हमले का करारा जवाब देने का वचन दिया था और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी संकट पर चर्चा होने की संभावना है। सीरिया में सरकारी मीडिया के मुताबिक सोमवार तड़के मध्य सीरिया में टी - चार बेस को कई मिसाइलों से निशाना बनाया गया। वाशिंगटन और पेरिस ने घटना में अपनी किसी संलिप्तता से इंकार किया है। बाद में , दमिश्क ने इस्राइल को इसके लिए जिम्मेदार बताया। (हांगकांग में छिपे नीरव मोदी पर चीन ने कहा, उनकी गिरफ्तारी में हम कोई दखल नहीं देंगे )
सरकारी न्यूज एजेंसी ‘ सना ’ ने सैन्य सूत्र के हवाले से कहा , ‘‘ टी - चार एयरपोर्ट पर लेबनान के क्षेत्र से एफ -15 विमानों से इस्राइली हमले में कई मिसाइलें दागी गयी। ’’ रूसी सेना ने भी इस्राइल पर आरोप लगाया कि दो इस्राइली एफ -15 विमानों ने एयर बेस पर आठ मिसाइलें दागी।
प्रतिरक्षा तंत्र ने पांच मिसाइलों को गिरा दिया लेकिन तीन मिसाइलों ने एयरबेस के पश्चिमी हिस्से को निशाना बनाया। देश में जंग पर नजर रखने वाला संगठन सीरियन आब्जरवेटरी फार ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि सीरियाई और ईरानी सुरक्षा बलों सहित 14 लड़ाके मारे गए।
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