बेरूत: कजाखस्तान में दमिश्क की सरकार के साथ चल रही संघर्षविराम वार्ताओं से सीरियाई विद्रोहियों के प्रतिनिधिमंडल के बहिर्गमन के बाद रूस के राष्ट्रपति और तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा है कि वे युद्धरत सीरिया में सुरक्षित क्षेत्र बनाने के पक्ष में हैं। वार्ता से बहिर्गमन करने के पीछे विद्रोहियों की दलील थी कि दिसंबर में ऐसे ही संघर्षविराम के बाद बार-बार उल्लंघन किया गया था। रूसी शहर सोची में आयोजित बैठक में रजब तैयब एर्दोआन और व्लादिमीर पुतिन ने यह उम्मीद जताई कि सीरियाई सरकार और विद्रोही इस संघर्ष को कमजोर करने के लिए इस हालिया प्रस्ताव को अंगीकार कर लेंगे। इस संघर्ष को छह साल हो चुके हैं और इसमें लगभग चार लाख लोग मारे जा चुके हैं। (अमेरिका के बाद उत्तर कोरिया ने अब चीन को धमकाया, दी ये चेतावनी)
तुर्की और रूस सीरिया के युद्ध में गहराई से जुड़े हुए हैं। दोनों के सैनिक जमीनी स्तर पर भी इसमें संलिप्त हैं। अंकारा सीरियाई विपक्ष के कई धड़ों को समर्थन दे रहा है, वहीं रूस सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद के बलों को समर्थन दे रहे हैं।
विद्रोहियों के वार्ता से बहिर्गमन करने से पहले रूसी प्रतिनिधियों ने उनके समक्ष प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में सीरिया में चार सुरक्षित क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव रखा था, जहां युद्धरत पक्षों को सुरक्षा रेखाओं के जरिए अलग-अलग रखा जाएगा। यदि सभी पक्ष संघर्ष विराम का सम्मान करते हैं, तो सोची में रूसी और सीरियाई सरकार के विमान इन विशेष क्षेत्रों के उपर उड़ानें बंद कर देंगे।
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