राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पापुआ न्यू गिनी पहुंचे
द्वीप देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शुक्रवार को पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पहुंचे।
पोर्ट मोर्सबे: द्वीप देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शुक्रवार को पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पहुंचे। वर्ष 1975 में इस देश के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किए जाने के बाद से पहली बार भारत के राष्ट्र प्रमुख इस देश की यात्रा पर आए हैं। मुखर्जी आज सुबह यहां पहुंचे जहां पर उनका बड़े ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। पीएनजी के उपप्रधानमंत्री लियो डियोन ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रणब की इस यात्रा को एक कूटनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है, जो प्रशांत द्वीप देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए उठाया गया है।
भारत से रवाना होने से पहले राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजमोनी ने कहा था कि यह यात्रा भारत की ‘लुक ईस्ट’ नीति का एक स्वाभाविक विस्तार है।
भारत इस द्वीप देश के स्वास्थ्य बाजार में दाखिल होने की कोशिश कर रहा है। राष्ट्रपति की यात्रा से पहले भारत सरकार ने दोनों देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी थी, जो स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग की बात कहता है। यह समझौता इस क्षेत्र में साझा पहलों के जरिए दोनों देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा।
राष्ट्रपति की यह यात्रा इस प्रशांत देश में कारोबार स्थापित करने में भारतीय दवा कंपनियों को बढ़ावा दे सकती है। जनवरी में ही स्थानीय सरकार ने इससे प्रतिबंध हटाया है। इस देश की जनसंख्या 73.8 लाख है। यहां एचआईवी और एड्स जैसी बीमारियों का प्रकोप काफी व्यापक स्तर पर मौजूद है। चिकित्सा सेवा की उंची कीमतों के चलते देश में जीवन प्रत्याशा भी कम है। मुखर्जी अपनी यात्रा के दूसरे चरण के तहत 30 अप्रैल को न्यूजीलैंड की यात्रा पर जाएंगे।
राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान भारत और न्यूजीलैंड कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा और कौशल विकास के साथ-साथ उच्च तकनीक के क्षेत्रों में संभावनाओं को तलाशेंगे।न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की ने वर्ष 2011 में भारत की यात्रा की थी । इसके गवर्नर जनरल ने वर्ष 2008, 2009 और 2011 में दौरा किया था । भारत से न्यूजीलैंड की पिछली उच्चस्तरीय यात्रा वर्ष 1986 में हुई थी। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने न्यूजीलैंड की यात्रा की थी।