हनोई: भारत ने शनिवार को वियतनाम के साथ गश्ती नौकाएं मुहैया कराने और रक्षा क्षेत्र के लिए 50 करोड़ डॉलर का ऋण (लाइन ऑफ क्रेडिट) जारी करने के करार पर हस्ताक्षर किया। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत दक्षिण एशियाई भूराजनीतिक परिदृश्य में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वियतनाम के प्रधानमंत्री गुएन शुआन फुक के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत हुई। इसके बाद भारत ने वियतनाम के साथ अपने रिश्ते को 'रणनीतिक साझीदारी' से बढ़ाकर 'व्यापक रणनीतिक साझीदारी' के स्तर का कर दिया है।
मोदी ने अपने वियतनामी समकक्ष के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "प्रधानमंत्री फुक के साथ मेरी बातचीत विस्तृत रही। हमलोग इस क्षेत्र के बढ़ते आर्थिक अवसरों का लाभ उठाने के लिए सहमत हैं।"
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अपनी रणनीतिक साझीदारी बढ़ाकर इसे व्यापक रणनीतिक साझीदारी के स्तर तक ले जाने पर सहमत हुए। उन्होंने कहा, "(वियतनाम के) प्रधानमंत्री और मैंने अपने रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।"
इसके बाद उन्होंने वियतनाम को 50 करोड़ डॉलर का ऋण (लाइन ऑफ क्रेडिट) देने की घोषणा की। भारत और वियतनाम ने कुल 12 करारों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें समुद्री गश्ती नौकाएं देने और साइबर सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग का करार भी शामिल है।
मोदी शुक्रवार को वियतनाम पहुंचे। पिछले 15 वर्षो में वियतनाम की द्विपक्षीय यात्रा करने वाले वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले शनिवार को हनोई स्थित राष्ट्रपति महल में मोदी का भव्य स्वागत किया गया।
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