इस्लामाबाद: पाकिस्तान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस्राइल की ऐतिहासिक यात्रा पर निकटता से नजर रख रहा है क्योंकि इससे क्षेत्र में सामरिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार पाकिस्तान अन्य सरकारों के प्रमुखों और राष्ट्राध्यक्षों की द्विपक्षीय यात्राओं पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी नहीं करता है लेकिन वह मोदी की यात्रा पर निकटता से नजर रखे हुए है क्योंकि इसके क्षेत्र की रणनीतिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। (दिल्ली, मुंबई और तेल अवीव के बीच शुरू होगी सीधी विमान सेवा)
समाचार पत्र में कहा गया है, इस्राइल भारत को लंबे समय से हथियारों एवं अन्य रक्षा उपकरणों की आपूर्ति करता आया है और इन सौदों को दोनों पक्षों ने जानबूझाकर गोपनीय रखा है। दोनों देश अपने गहरे रक्षा सहयोग पर अब अधिक खुलकर एवं सार्वजनिक रूप से बात करते हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉ. जफर नवाज जसपाल ने कहा कि भारत एवं इस्राइल के बीच बढ़ता रक्षा सहयोग दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सामरिक संतुलन बिगाड़ेगा।
मोदी और नेतन्याहू के बीच मुलाकात के साथ-साथ कुछ अहम समझौते भी हुए, जिसमें दोनों देशों के बीच हुई डिफेंस डील से चीन और पाकिस्तान में खलबली मच गई। दरअसल, भारत इजरायल से 10 हेरोन टीपी ड्रोन खरीदने जा रहा है। यह ड्रोन हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल से लैस है। इसे किलर ड्रोन भी कहा जाता है। इसकी मारक क्षमता को देखते हुए इसे भारत के लिए अहम माना जा रहा है। भारत इस ड्रोन की मदद से न केवल पाक अधिकृत इलाकों में आतंकी कैम्पों को नेस्तनाबूद कर सकता है बल्कि वहां छिपे आतंकियों पर भारत से ही निशाना लगाया जा सकता है।
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