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ओबामा ने आतंकियों की पनाहगाह में पाकिस्तान का भी नाम लिया

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के आखिरी 'स्टेट ऑफ यूनियन' भाषण में इस बात की चेतावनी दी कि पाकिस्तान समेत विश्व के कुछ हिस्से नए आतंकी समूहों के

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वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के आखिरी 'स्टेट ऑफ यूनियन' भाषण में इस बात की चेतावनी दी कि पाकिस्तान समेत विश्व के कुछ हिस्से नए आतंकी समूहों के लिए पनाहगाह बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोगों की सुरक्षा और आतंकियों का पीछा उनकी प्राथमिकता में शामिल है। लेकिन, कांग्रेस को अपने प्रभावशाली संबोधन में ओबामा ने रिपब्लिकन पार्टी के इस अंदेशे को गलत बताया कि मध्य पूर्व में सक्रिय और यूरोप व अमेरिका को अपने निशाने पर लेने वाले आतंकी संगठन (आईएस) से खुद को अमेरिका को कोई खतरा है।

उन्होंने इस बात का मजाक उड़ाया कि 'पिकअप ट्रक के पिछवाड़े बैठने वालीं और गैराज एवं अपार्टमेंट में साजिश रचने वाली विकृत आत्माएं' अमेरिका के अस्तित्व के लिए खतरा हो सकती हैं। ओबामा ने कहा कि आईएस के खात्मे के अभियान को बढ़ा चढ़ाकर तृतीय विश्व युद्ध बताना दरअसल उन्हीं (आईएस) के हाथ में खेलना है। ओबामा ने अपने भाषण में आईएस के पूरे नाम आईएसआईएल का जिक्र किया।

ओबामा ने कहा, "वे (आईएस) हमारे राष्ट्रीय अस्तित्व के लिए चुनौती नहीं हैं। यही तो वह कहानी है जो वे (आईएस) सुनाना चाहते हैं। यही तो वह प्रोपेगेंडा है जिसका इस्तेमाल वे (आईएस) लोगों की भर्ती के लिए कर रहे हैं।" इसके साथ ही ओबामा ने यह भी चेताया कि इस झूठ को दोहराकर कि आईएस इस्लाम का प्रतिनिधित्व करता है, मध्य पूर्व के बेहद महत्वपूर्ण सहयोगियों को अमेरिका से दूर न करें।

ओबामा ने कहा कि अमेरिका की विदेश नीति के केंद्र में आईएसआईएल और अल कायदा हैं, लेकिन बात यहीं नहीं रुकती। उन्होंने कहा, "आईएसआईएल के बगैर भी दुनिया के कई हिस्सों में-मध्य पूर्व, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मध्य अमेरिका, अफ्रीका, एशिया में अस्थिरता रहेगी। इनमें से कुछ जगहें आतंकियों के नए नेटवर्क की पनाहगाह हो सकती हैं।"

ओबामा ने अमेरिकियों से कबायली और डर की राजनीति से दूर रहने का आह्वान करते हुए देश को बड़े दिलवाला, आशावादी राष्ट्र बनाने को कहा। मुसलमानों और आव्रजकों के प्रति रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद विचारों की तरफ संकेत करते हुए उन्होंने कहा, "हताशा (राजनीति से) बढ़ने पर ऐसी बातें उठेंगी जो हमें कबायली बना देंगी। उन्हें बलि का बकरा बनाएंगी जो हमारी तरह नहीं दिखते या हमारी तरह प्रार्थना नहीं करते या हमारी तरह वोट नहीं देते। हम इस रास्ते पर नहीं चल सकते। इससे हमें हमारी मनचाही अर्थव्यवस्था और सुरक्षा नहीं मिलेगी। बल्कि, इसके उलट यह उन तमाम बातों के खिलाफ है जिसकी वजह से आज दुनिया हमें चाहत भरी निगाहों से देखती है।"

आईएस के खिलाफ सैन्य बल के उपयोग को कांग्रेस द्वारा मंजूर करने का आग्रह करते हुए ओबामा ने कहा, "अमेरिकियों को जान लेना चाहिए कि कांग्रेस की कार्रवाई के साथ या उसके बगैर भी आईएस को वही अंजाम भुगतना होगा जो उससे पहले अन्य आतंकियों का हुआ है। अगर आपको न्याय को लेकर अमेरिका या मेरी प्रतिबद्धता पर संदेह है तो फिर ओसामा बिन लादेन से पूछिए।"

ओबामा ने भाषण में अपनी नीतियों का भरपूर बचाव किया और भविष्य के लिए सकारात्मक रुख अख्तियार करने का आह्वान किया। ओबामा ने राष्ट्रपति चुनाव के अभियान में कही जा रहीं नकारात्मक बातों को खारिज करते हुए अमेरिका को दुनिया की सबसे स्थिर और मजबूत अर्थव्यवस्था बताया।

भाषण में उन्होंने स्वास्थ्य सुधार और क्यूबा के साथ संबंधों की बहाली जैसे मामलों में अपनी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "कांग्रेस को अपने अंतिम भाषण में मैं केवल अगले साल पर ही नहीं, बल्कि देश के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं।" उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा की सरकारी मदद की योजनाओं को कमजोर करने के बजाए और मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने आर्थिक सुरक्षा को सदृढ़ करने के लिए मतभेदों के बावजूद डेमोक्रेट और रिपब्लिकन्स को साथ मिलकर काम करने के लिए कहा।

ओबामा ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए उस पर काम करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, "अगर कोई जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर किसी तरह का सवाल खड़ा करता है तो खुद को अकेला खड़ा पाएगा।" रिपब्लिकन पार्टी ने साउथ कैरोलिना की भारतीय मूल की गर्वनर निकी हेले को ओबामा के भाषण का जवाब देने के लिए अधिकृत किया था। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति (ओबामा) ओबामा के काम का रिकार्ड उनके उड़ते शब्दों के सामने छोटा दिखता है।" उन्होंने ओबामा की विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा कि रिपब्लिकन पार्टी का राष्ट्रपति ऐसे समझौते करेगा जिस पर इजरायल में जश्न और ईरान में विरोध होगा। अभी तो इसके उलट हो रहा है।

ओबामा के भाषण को माक्रोसाफ्ट के सीईओ भारतीय मूल के सत्य नडेला ने 23 विशिष्ट अतिथियों के साथ देश की प्रथम महिला के बाक्स में बैठकर सुना।

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