ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर सहमति ऐतिहासिक : ओबामा
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है ईरान के साथ विश्व शक्तियों की उसके विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर एक ऐतिहासिक सहमति बनी है और यदि इसका पूर्ण क्रियान्वयन हुआ तो इससे ईरान को
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है ईरान के साथ विश्व शक्तियों की उसके विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर एक ऐतिहासिक सहमति बनी है और यदि इसका पूर्ण क्रियान्वयन हुआ तो इससे ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोका जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर एक व्यापक समझौते की रूपरेखा तैयार करने को लेकर स्विट्जरलैंड के लुसाने शहर में ईरान तथा दुनिया की छह महाशक्तियों के बीच हुई मैराथन वार्ता के बाद यह सहमति बनी है।
ओबामा ने ईरान तथा पी5 प्लस1 समूह के देशों के साथ ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर समझौते के निमित्त बनी सहमति की घोषणा के बाद इसे 'ऐतिहासिक' सहमति करार दिया है।
ईरान हालांकि हमेशा इस बात से इंकार करता रहा है कि वह परमाणु हथियार नहीं बनाने जा रहा है। उसने अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण असैन्य उद्देश्यों के लिए बताया है।
ओबामा ने कहा, "इस्लामिक गणराज्य ईरान दशकों से अपने परमाणु कार्यक्रम को समृद्ध बना रहा था। जिस समय मैं अमेरिका का राष्ट्रपति बना, ईरान हजारों 'सेंट्रीफ्यूज' का संचालन कर रहा था, जिससे परमाणु बम के लिए आवश्यक सामग्री का निर्माण हो सकता है।"
बकौल ओबामा, "मैंने स्पष्ट किया कि हम इस मुद्दे का समाधान कूटनीतिक माध्यम से करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसा तभी संभव है, जब ईरान गंभीरता से बातचीत की मेज पर आए। हालांकि केवल प्रतिबंधों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाना संभव नहीं था, लेकिन इसने उसे बातचीत की मेज तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
उन्होंने कहा, "ईरान ने अपनी सभी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियों का निर्वाह किया है। इसने अपने खतरनाक परमाणु सामग्री भंडार को समाप्त कर दिया है। ईरान के परमाणु कार्यक्रमों का निरीक्षण बढ़ाया गया है। हमने अधिक व्यापक समझौते तक पहुंचने के लिए लगातार वार्ता की और आज कई महीने की मुश्किल तथा कूटनीतिक कोशिशों के बाद समझौते की रूपरेखा पर सहमति बना ली है। यह एक अच्छी सहमति है, जो हमारे उद्देश्यों को पूरा करती है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "यह समझौता ईरान के परमाणु हथियार बनाने के सभी रास्ते बंद कर देगा। समझौते की अन्य प्रमुख बातों को अगले तीन माह में अंतिम रूप दे दिया जाएगा।"
इस सहमति के तहत समझौते को अंतिम रूप देने के लिए 30 जून की तिथि निर्धारित की गई है।
समझौते की रूपरेखा को लेकर बनी सहमति की विस्तृत जानकारी देते हुए ओबामा ने कहा, "ईरान प्लूटोनियम के जरिए बम बनाने में सक्षम नहीं हो पाएगा, क्योंकि यह हथियार बनाने योग्य प्लूटोनियम का विकास नहीं करेगा। दूसरे, यह समझौता ईरान को संवर्धित यूरेनियम के इस्तेमाल से बम बनाने से भी रोकेगा, क्योंकि ईरान ने अगले कम से कम 10 वर्षो तक यूरेनियम संवर्धन नहीं करने की बात स्वीकारी है। उसने अपने मौजूदा सेंट्रीफ्यूज में भी दो-तिहाई कमी लाने पर सहमति जताई है। तीसरे, ईरान चोरी-छिपे परमाणु हथियार नहीं बना पाएगा, क्योंकि उस पर कड़ी अंतर्राष्ट्रीय निगरानी होगी। इसके तहत न केवल ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर नजर रखी जाएगी, बल्कि इसे समर्थन एवं सहायता प्रदान करने वाली कड़ी पर भी नजर रखी जाएगी।"