Nobel Prize: रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार चारपेंटियर और डॉडना को देने की घोषणा
रसायन विज्ञान के क्षेत्र में वर्ष 2020 का नोबेल पुरस्कार ‘जीनोम एडिटिंग’ पद्धति का विकास करने के लिये एमैनुएल चारपेंटियर और जेनीफर डॉडना को देने की बुधवार को घोषणा की गई।
स्टॉकहोम. रसायन विज्ञान के क्षेत्र में वर्ष 2020 का नोबेल पुरस्कार ‘जीनोम एडिटिंग’ पद्धति का विकास करने के लिये एमैनुएल चारपेंटियर और जेनीफर डॉडना को देने की बुधवार को घोषणा की गई। स्टॉकहोम में स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की घोषणा की। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और पुरस्कार की राशि के रूप में 10.1 लाख डॉलर से अधिक नकद राशि दी जाती है। मुद्रास्फीति के मद्देनजर पुरस्कार की राशि हाल ही में बढ़ाई गई थी। ‘जीनोम एडिटिंग’ एक ऐसी पद्धति है, जिसके जरिये वैज्ञानिक जीव-जंतु के डीएनए में बदलाव करते हैं। यह प्रौद्योगिकी एक कैंची की तरह काम करती है, जो डीएनए को किसी खास स्थान से काटती है। इसके बाद वैज्ञानिक उस स्थान से डीएनए के काटे गये हिस्से को बदलते हैं। इससे रोगों के उपचार में मदद मिलती है।
ब्लैक होल संबंधी खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार
ब्लैक होल संबंधी खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को 2020 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को कहा कि इनमें से ब्रिटेन के रोजर पेनरोसे को ब्लैकहोल संबंधी खोज के लिए तथा जर्मनी के रीनहार्ड गेंजेल और अमेरिका के एंड्रिया घेज को ‘‘हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ की खोज के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है। तारकीय अवशेषों, श्वेत वामन तारों, न्यूट्रॉन तारों और ब्लैक होल जैसी चीजों को ‘कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ कहा जाता है।
पेनरोसे ने पता लगाया है कि ब्लैक होल की उत्पत्ति सापेक्षता के ‘सामान्य’ सिद्धांत संबंधी एक मजबूत प्रमाण है। पेनरोसे ने गणितीय आधार पर साबित किया कि ब्लैक होल की उत्पत्ति संभव है और यह पूरी तरह अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत पर आधारित है। वहीं, गेंजेल और घेज ने ‘‘हमारी आकाशगंगा’’ के धूल से घिरे केंद्र को देखा जहां कुछ अद्भुत घटना हो रही थी। अनेक तारे किसी ऐसी चीज की परिक्रमा कर रहे थे जो अब तक उन्होंने नहीं देखी। यह एक ब्लैक होल था। यह कोई साधारण ब्लैक होल नहीं, बल्कि ‘सुपरमैसिव ब्लैक होल’ था जो ‘‘हमारे सूर्य से’’ 40 लाख गुना अधिक द्रव्यमान का था। अब वैज्ञानिक जानते हैं कि सभी आकाशगंगाओं में ‘सुपरमैसिव ब्लैक होल’ होते हैं।
एकेडमी के महासचिव गोरान के. हंसोन ने कहा कि भौतिकी के क्षेत्र में इस साल का आधा पुरस्कार ब्लैक होल की उत्पत्ति और सापेक्षता के सिद्धांत संबंधी खोज के लिए पेनरोसे को मिलेगा जबकि शेष आधा पुरस्कार गेंजेल और घेज को ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ संबंधी खोज के लिए मिलेगा। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (11 लाख डॉलर से अधिक) की राशि दी जाती है। स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। नोबेल पुरस्कार समिति ने सोमवार को शरीर विज्ञान एवं औषधि क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिकों-हार्वे जे अल्टर और चार्ल्स एम राइस तथा ब्रिटेन में जन्मे वैज्ञानिक मिशेल हफटन को देने की घोषणा की थी। रसायन विज्ञान, साहित्य और अर्थशास्त्र जैसे क्षेत्रों में सराहनीय कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा आगामी दिनों में की जाएगी।