संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने आगाह किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नये यात्रा प्रतिबंध से उन शरणार्थियों की तकलीफें बढ़ सकती हैं जो जानलेवा हिंसा और उत्पीड़न के कारण अपने देशों से पलायन कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) फिलीपो ग्रांदी ने एक बयान में कहा, जानलेवा हिंसा के कारण पलायन करने को मजबूर लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत बनी हुई है और हम चिंतित हैं कि अस्थायी होने के बावजूद इस फैसले से प्रभावित होने वाले लोगों की तकलीफें बढ़ सकती हैं।
इससे पहले कल ट्रम्प ने एक संशोधित शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किया था अमेरिका के शरणार्थी कार्यक्रम को 120 दिनों के लिए निलंबित करना शामिल है। इसके तहत ईरान, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों के 90 दिनों तक अमेरिकी की यात्रा पर भी रोक लग जाएगी। इससे पहले भी ट्रम्प ने जनवरी में इस तरह के एक आदेश पर हस्ताक्षर किया था जिसके तहत सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के 90 दिन तक अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी थी।
इस आदेश के तहत सीरिया के शरणार्थियों पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गयी थी। नये आदेश के आलोक में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी शरणार्थीर् कार्यक्रमों में सुरक्षा के उच्च मानकों का पालन हो, अमेरिकी प्रशासन के साथ सकारात्मक तरीके से काम करने की अपनी तत्परता दोहरायी। एजेंसी ने कहा कि ऐसे समय में जब रिकार्ड स्तर पर लोगों को विस्थापन के लिए मजबूर किया जा रहा है, मानवीय नेतृत्व की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है। ग्रांदी ने कहा कि यूएनएचसीआर शरणार्थी समस्या का हल तलाशने में लंबे समय से अमेरिका का भागीदार रहा है, और हम यह भागीदारी बनाए रखने को लेकर आशान्वित हैं।
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