मलेशिया एयरलाइंस के लापता विमान MH370 के मलबे से एस आशंका को बल मिला है कि विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ था बल्कि उसे पायलट ने जानबूझकर हिंद महासागर में गिरा दिया था।
विमान के विंग फ़्लैप की जांच करने वाले अधिकारियों के मुताबिक ये एक भयंकर मौत का ग़ोता (death dive) था। विमान में 239 यात्री सवार थे।
डेलीमेल के अनुसार विशेषज्ञों का कहना है कि विंग का फ़्लैप नहीं खुला था जिससे ये संभावना ख़त्म हो जाती है कि विमान नियंत्रित लैंडिंग कर रहा था। ये बात ऐसे समय सामने आई है जब दावा किया जा रहा है कि विमान का पायलट कैप्टन ज़हारी अहमद शाह एक शादीशुदा महिला से कथित प्रेम संबंध ख़त्म होने से दुखी था।
शाह विमान के ग़ायाब होने के दो दिन पहले फ़ातिमा पारदी 'किसी ज़ाती मामले' पर संदेश भेज रहा था। टीचर रह चुकी 35 वर्षीय पारदी एक न्यूज़ पोर्टल को ये बताने से इंकार कर दिया कि वे लोग क्या बात कर रहे थे लेकिन कहा कि उनका कोई अफ़ेअर नही चल रहा था।
माना जाता है कि कैप्टन शाह अपनी पत्नी फ़ैज़ा हानुन से अलग हो गया था हालंकि दोनों कुआलालम्पुर में एक ही छत के नीचे रहते थे। फ़ातिमा से मलेशिया की पुलिस और FBI इस बारे में कई बार पूछताछ की है और माना जाता है कि उसने जो कुछ बताया है वो विमान हादसे के कारण का पता लगाने में बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
ऑस्ट्रेलियन ट्रांसपोर्ट सेफ़्टी ब्यूरो का कहना है कि वे अभी भी फ़्लैप की जांच कर रहे हैं लेकिन ब्यूरो के जांच दल के चीफ पीटर फ़ोले ने पुष्टि की है कि नियंत्रित लैंडिंग के लिए फ़्लैप की पोज़िशन ठीक नही थी बल्कि ये विंग के अंदर था।
आपको बता दें कि जब विमान उतरता है तो विंग के अंदर लगा फ़्लैप बाहर आ जाता है।
मलेशिया का ये विमान मार्च 2014 को लापता हुआ था।
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