जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट का पता लगा है जिससे अधिक तेजी से संक्रमण फैसले की आशंका है और अधिकारियों ने इससे जुड़े 22 मामलों की बृहस्पतिवार को पुष्टि की। इंपीरियल कॉलेज लंदन के विषाणु विज्ञानी डॉ टॉम पीकॉक ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने ट्विटर अकाउंट पर वायरस के नए वेरिएंट (बी.1.1.529) का विवरण पोस्ट किया था। उसके बाद वैज्ञानिक इस वेरिएंट पर गौर कर रहे हैं। हालांकि ब्रिटेन में इसे चिंता पैदा करने वाले वेरिएंट की श्रेणी में अभी औपचारिक रूप से वर्गीकृत नहीं किया गया है।
दुनिया भर के वैज्ञानिक तेजी से फैलने के संकेतों के लिए नए वेरिएंट पर अब गौर करेंगे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान- नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) ने पुष्टि की कि दक्षिण अफ्रीका में बी.1.1.529 का पता चला है और जीनोम अनुक्रमण के बाद बी.1.1.529 के 22 मामलों की पुष्टि हुयी है।
एनआईसीडी के कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर एड्रियन प्यूरेन ने कहा, "इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि दक्षिण अफ्रीका में एक नए वेरिएंट का पता चला है। हालांकि आंकड़े अभी सीमित हैं, हमारे विशेषज्ञ नए वेरिएंट को समझने के लिए सभी स्थापित निगरानी प्रणालियों के साथ लगातार काम कर रहे हैं।’’
इस वेरिएंट के बारे में अनुमान है कि यह किसी ऐसे एचआईवी/एड्स रोगी जिसका इलाज न हुआ हो, से विकसित हुआ हो। लंदन के यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक फ्रेंकोइस बॉलौक्स ने कहा कि इसके पुराने संक्रमण के दौरान विकसित होने की आशंका बनी हुई है। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि इस स्तर पर यह कितना संक्रमण फैला सकता है। कुछ समय तक इसकी बारीकी से निगरानी और विश्लेषण किया जाना चाहिए।
नए वायरस वेरिएंट को लेकर दक्षिण अफ्रीका ने भी चिंता जताई है। वायरोलॉजिस्ट ट्यूलियो डी ओलिवेरा ने कहा कि बी.1.1.529 नामक नए वेरिएंट में बहुत अधिक संख्या में म्यूटेशन देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के यात्रियों के बीच बोत्सवाना और हांगकांग में भी इसका पता चला है। यह बहुत तेजी से फैल सकता है। इस महीने की शुरुआत में लगभग 100 नए मामलों को देखा गया था जिनकी संख्या बुधवार को दैनिक संक्रमणों की संख्या 1,200 से अधिक हो गई है।
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