नेतन्याहू ने अरब इजरायलियों से मांगी माफी
जेरूसलम: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले सप्ताह संसदीय चुनाव के लिए मतदान के दिन अरब इजरायली समुदाय के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट
जेरूसलम: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले सप्ताह संसदीय चुनाव के लिए मतदान के दिन अरब इजरायली समुदाय के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अपने बयान के लिए घरेलू स्तर पर और विदेशों में भी आलोचना झेलने वाले नेतन्याहू की माफी को इजरायल में रह रहे अरब समुदाय से उनकी सुलह की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
नेतन्याहू ने पिछले सप्ताह मंगलवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने से कुछ घंटे पहले कहा था कि वामपंथी संगठन उनकी सरकार गिराने के लिए अरब इजरायलियों को बसों में भरकर मतदान केंद्रों तक पहुंचा रहे हैं।
उनके इस बयान की न केवल इजरायल में, बल्कि विदेशों में भी खूब आलोचना हुई। इजरायल के मध्य-वामपंथी राजनेताओं के साथ-साथ इजरायल के राष्ट्रपति और अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी इसकी निंदा की।
अपने बयान के लिए चौतरफा आलोचना झेलने के बाद नेतन्याहू ने अब उसके लिए माफी मांगी है। एक बयान जारी कर उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि कुछ दिनों पहले मैंने जो कुछ भी कहा था, उससे इजरायली अरब समुदाय के लोगों का अपमान हुआ है। ऐसा करने का मेरा इरादा नहीं था, मुझे इस पर दुख है।"
उन्होंन कहा, "प्रधानमंत्री के रूप में अल्पसंख्यक समुदाय सहित सभी इजरायलियों के लिए किए गए मेरे कार्य मेरे बयान के बिल्कुल उलट हैं। मैं खुद को सभी इजरायली नागरिकों का प्रधानमंत्री मानता हूं, चाहे वे किसी भी धर्म, नस्ल या लिंग के हों।"
नेतन्याहू ने एक बार फिर दावा किया कि इजरायल में उनकी सरकार गिराने के लिए यूरोपीय देशों की सरकारों तथा विदेशी संस्थाओं ने वामपंथी संगठनों को वित्तीय सहायता मुहैया कराई। उन्होंने कहा, "मैं यह भी मानता हूं कि इजरायल के बाहर की किसी भी ताकत को हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में दखल नहीं देना चाहिए।"
नेतन्याहू ने अपने बयान के लिए हालांकि माफी मांग ली है, लेकिन अरब राजनेता इससे संतुष्ट नहीं हैं। इजरायल में अरब समुदाय के नेताओं के प्रभुत्व वाली चार राजनीतिक पार्टियों के गठबंधन 'ज्वाइंट लिस्ट' के नेता आयमन ओडेह ने अपने फेसबुक पेज पर इसे 'धोखा' करार दिया है।
ओडेह ने कहा, "जब तक नेतन्याहू नस्लवादी कानूनों को तरजीह देंगे और वास्तविक समानता को सामने नहीं रखेंगे, उनकी माफी न तो स्वीकार की जा सकती है और न ही इस पर भरोसा किया जा सकता है।"