नैरोबी: नेकेड मोल रैट्स चूहों की एक ऐसी प्रजाति है जो कई खूबियों से लैस होती है। नेकेड मोल रैट्स को कैंसर नहीं होता, उनके ऊपर आम जीव-जंतुओं के मुकाबले बढ़ती उम्र का कम असर होता है और वे 20 मिनट तक बिना ऑक्सिजन के भी जिंदा रह सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, दर्द सहने की उनकी क्षमता भी तमाम जीव-जंतुओं से कहीं ज्यादा होती है। लेकिन इन चूहों में एक बहुत बुरी आदत भी है। ये एक-दूसरे के बच्चों को किडनैप कर लेता हैं और उनको गुलाम बना लेते हैं। इस तरह अपनी हरकतों के चलते सुपरहीरो की क्वॉलिटी रखने वाला यह नन्हा-सा जीव सुपरविलेन नजर आने लगता है।
पूर्वी अफ्रीका में पाई जाती है चूहे की यह खास प्रजाति
नेकेड मोल रैट्स अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी हिस्से में पाए जाते हैं। इन चूहों को इथियोपिया, केन्या और सोमालिया में बहुतायत में देखा जा सकता है। 10 सेंटीमीटर तक के छोटे से कद वाले ये चूहे बड़ी-बड़ी कॉलोनियों में रहते हैं। कई बार तो इनका ग्रुप 300 चूहों तक का होता है और ये कालोनी में एक-दूसरे का काफी सहयोग करते हैं। इन चूहों की रानी को ही प्रजनन का अधिकार होता है और उसे पाने के लिए चूहों में खूनी जंग होती है। एक रानी एक बार में 30 बच्चे तक पैदा कर सकती है और उसके बच्चों की देखभाल बाकी की चुहिया करती हैं।
यूं पता चली एक-दूसरे के बच्चों को किडनैप करने वाली बात
1990 के दशक में केन्या में एक रिसर्च की गई, जिसमें पाया गया कि नेकेड मोल रैट्स की एक कॉलोनी ने दूसरी कॉलोनी पर एक तरह से हमला बोल दिया था। इसके बाद दूसरी कॉलोनी के 13 चूहों को दोबारा कभी नहीं देखा गया। एक साल बाद जब फिर से उनकी कॉलोनियों की जांच की गई तो हमला करने वाली कॉलोनी में दूसरी कॉलोनी के कुछ बच्चे पाए गए। प्रयोगशाला में यह साबित हो चुका था कि नेकेड मोल रैट्स एक-दूसरे के बच्चों को अगवा कर गुलाम बनाते हैं, लेकिन प्राकृतिक परिस्थितियों में ऐसा पहली बार देखा गया था।
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