वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसके तहत उत्तर कोरिया पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों से उत्तर कोरिया के बड़े निर्यातों को निशाना बनाने के साथ ही उसे तेल की आपूर्ति में 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। प्रस्ताव का मसौदा अमेरिका ने तैयार किया है। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने इसे सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। (पाकिस्तान को लेकर चीन की नीति नहीं बदली: इकबाल)
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा, आज हम दुनिया को यह बता रहे हैं कि हम कभी परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया को स्वीकार नहीं करेंगे। आज, सुरक्षा परिषद कह रहा है कि अगर उत्तर कोरिया शासन ने अपना परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं किया, तो हम उसे रोकने के लिए खुद कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, हमने कोशिश की कि शासन सही कार्य करे। अब हम गलत कार्य करते रहने की क्षमता हासिल करने से उसे रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं।
हेली ने कहा कि इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रमों को ईंधन एवं धन मुहैया करवाने वाले साधनों को निशाना बना रहा है। अमेरिकी राजदूत ने जिक्र किया कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार बनाने एवं वितरित करने में तेल की मुख्य भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव के तहत गैस, डीजल और भारी ईंधन तेल में 55 प्रतिशत तक कटौती करने से उत्तर कोरिया को मिलने वाले तेल में 30 प्रतिशत तक की कमी आएगी। उन्होंने कहा, आज का प्रस्ताव प्राकृतिक गैस एवं तेल के अन्य सह-उत्पादों पर पूरी तरह रोक लगाता है, जिनका इस्तेमाल पेट्रोलियम घटने की स्थिति मे विकल्प के तौर पर किया जा सकता है। इससे गहरा प्रभाव पड़ेगा। हेली ने कहा कि उत्तर कोरिया पर लगाए ये अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध हैं।
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