जकार्ता: ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को कहा कि विदेशी सैन्य हस्तक्षेप से सीरिया और यमन में हालात खराब हुए हैं। उन्होंने दुनिया से आग्रह किया कि आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए समन्वय स्थापित किया जाए। एशिया-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा, "लगातार जारी संघर्ष और टकराव के कारण विदेशी सैन्य हस्तक्षेप बढ़ा है जिसके कारण संकटग्रस्त इलाकों में मानवीय संकट पैदा हो गया है। सीरिया और यमन में मौजूदा हालात इस स्थिति का स्पष्ट उदाहरण हैं।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, रूहानी ने एशिया-अफ्रीका सम्मेलन की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में इकट्ठा हुए प्रतिनिधियों और अन्य नेताओं से अपील की कि उग्रवाद और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए समन्वित प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद आज के समय में एशिया और अफ्रीका के विभिन्न हिस्सों में दूर-दूर तक फैले हुए हैं। इराक, सीरिया और अफ्रीकी देशों में चरंमपंथी आतंकवादी दैनिक आधार पर लोगों को मारने के लिए सबसे बर्बर तरीकों का सहारा लेते हैं।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंसा और उग्रवाद के खिलाफ कुछ देशों में अनुचित कार्रवाई करने के बजाय अब एक वैश्विक योजना तैयार की जानी चाहिए ताकि आतंकवाद का जड़ से खात्मा हो सके।
ईरान के राष्ट्रपति ने कहा, "इतिहास गवाह है कि सैन्य हस्तक्षेप इन संकटों से निपटने के लिए उचित कदम नहीं है और इससे स्थिति और खराब ही होगी।"
उन्होंने कहा कि स्थाई शांति तभी रह सकती है जब सैन्य कार्रवाई बंद कर बातचीत की जाए।
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