A
Hindi News विदेश अन्य देश अफ्रीकी देश माली में गंभीर राजनीतिक संकट, विद्रोही सैनिकों ने राष्ट्रपति Ibrahim Boubacar Keita को किया गिरफ्तार!

अफ्रीकी देश माली में गंभीर राजनीतिक संकट, विद्रोही सैनिकों ने राष्ट्रपति Ibrahim Boubacar Keita को किया गिरफ्तार!

विद्रोही सैनिकों ने राजधानी बामाको में राष्ट्रपति इब्राहिम बूबाकर कीता को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है।

Mali Army Coup, Mali President Coup, Ibrahim Boubacar Keita Coup, Ibrahim Boubacar Keita- India TV Hindi Image Source : AP विद्रोही सैनिकों ने राजधानी बामाको में माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बूबाकर कीता को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है।

बामाको: अशांत अफ्रीकी देश माली से मंगलवार को बड़े राजनीतिक संकट की खबरें आ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विद्रोही सैनिकों के लीडर्स में से एक ने कहा है कि उन्होंने राजधानी बामाको में राष्ट्रपति इब्राहिम बूबाकर कीता और प्रधानमंत्री बूबू सिसे को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले खबरें आ रही थीं कि माली के विद्रोही सैनिक राष्ट्रपति के निजी आवास के पास गोलियां दाग रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से आ रही इस खबर में कहा गया था कि विद्रोही सैनिकों ने राष्ट्रपति के निजी आवास के पास हवा में गोलियां दागी थीं।

हाल ही में शुरू हुआ था विद्रोह
बता दें कि हाल ही में माली की सेना के कुछ सैनिकों ने बामाको से कुछ दूरी पर स्थित काती आर्मी बेस में विद्रोह कर दिया था। इसके बाद जब माली के राष्ट्रपति के निजी आवास के पास हवा में गोलीबारी की खबरें आईं तो यहां तख्तापलट की आशंकाओं को बल मिलने लगा। इस बीच अब राष्ट्रपति कीता और प्रधानमंत्री बूबू सिसे को विद्रोही सैनिकों ने गिरफ्तार कर लिया है, ऐसे में पहले से ही अशांति झेल रहा यह अफ्रीकी देश अब एक गंभीर संकट में फंसता दिख रहा है। इससे पहले पीएम ने विद्रोही सैनिकों को बातचीत के लिए न्यौता दिया था लेकिन बात आगे बढ़ नहीं सकी।

Image Source : APफ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बूबाकर कीता।

8 साल पहले भी हुआ था तख्तापलट
बता दें कि इससे पहले 2012 में हुए एक तख्तापलट ने इस देश में इस्लामी बगावत की नींव रख दी थी। इसके बाद से यहां हालात को सामान्य बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र और देश के पूर्व शासक फ्रांस ने 7 साल का वक्त गुजारा था। 8 साल पहले भी ठीक इसी तरह के सैन्य विद्रोह में माली में तख्तापलट हुआ था और अब रिपोर्ट्स के मुताबिक फिर उसी तरह की कहानी लिखी जा रही है। बता दें कि माली के राष्ट्रपति का चुनाव पूरी तरह लोकतांत्रिक तरीके से हुआ था और उन्हें फ्रांस समेत अन्य पश्चिमी देशों का समर्थन भी हासिल है।

Latest World News