बमाको: माली में विद्रोही सैनिकों ने देश के राष्ट्रपति बाह एन'डॉव, प्रधानमंत्री मोक्टाoर ओआने और रक्षा मंत्री को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। घटना के कुछ ही घंटों पहले सरकार में फेरबदल किया गया था और सेना के उन 2 सदस्यों को सरकार में शामिल नहीं किया गया था जिन्होंने पिछले साल अगस्त में हुए तख्तापलट में अहम भूमिका निभाई थी। माना जा रहा है कि सैनिक इसी बात से नाराज थे। अफ्रीकी संघ और संयुक्त राष्ट्र ने इस बारे में जानकारी देते हुए इन कार्रवाइयों का विरोध किया है। बता दें कि माली में 9 महीने पहले सेना ने सैन्य तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथ में ले ली थी।
पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय खंड (ECOWAS) और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अन्य सदस्यों ने एक संयुक्त बयान जारी कर राष्ट्रपति बाह एन'डॉव और प्रधानमंत्री मोक्टर ओउने को तुरंत रिहा करने की मांग की है। दोनों नेताओं को काती सैन्य मुख्यालय ले जाया गया है। संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वालों ने माली की राजनीतिक व्यवस्था को तत्काल बहाल करने तथा तय समयसीमा के अंदर उसे अपना कार्यकाल पूरा करने की मांग की है। बयान में कहा गया है, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय जबरन इस्तीफे समेत तमाम कार्रवाइयों का विरोध करता है। आज का यह अविवेकपूर्ण फैसला भविष्य में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को माली के समर्थन में आने से रोकेगा।’
इस घटनाक्रम से एक नई चिंता उभर कर सामने आयी है कि क्या मौजूदा सरकार स्वतंत्र रूप से भविष्य में काम कर पायेगी और अगले साल फरवरी में माली में तय लोकतांत्रिक चुनाव को आयोजित कराने की योजना को आगे बढ़ा पाएगी। बता दें कि सेना पर अंतरराष्ट्री य दबाव के बाद पिछले साल सितंबर महीने में वर्तमान राष्ट्र पति और प्रधानमंत्री ने पदभार संभाला था। संयुक्त राष्ट्र माली में शांति अभियानों पर हर साल 1.2 अरब डॉलर खर्च करता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि जल्द ही इस मसले का समाधान नहीं निकला तो आने वाले दिनों में संकट और भी गहरा सकता है।
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