नई दिल्ली: इस्कॉन या अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत को "हरे कृष्ण आंदोलन" के नाम से भी जाना जाता यह गौदिया वैष्णवों का धार्मिक संगठन है। इस संस्था की शुरूआत 1966 मं न्यूयॉर्क में भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी। अपने साधारण नियम और सभी जाति-धर्म के प्रति समभाव के चलते इस मंदिर के अनुयायियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर वह व्यक्ति जो कृष्ण में लीन होना चाहता है, उनका यह मंदिर स्वागत करता है। स्वामी प्रभुपादजी के अथक प्रयासों के कारण दस वर्ष के अल्प समय में ही समूचे विश्व में मंदिरों का निर्माण हो चुका था। इस समय इस्कॉन समूह के लगभग 600 से अधिक मंदिरों की स्थापना हो चुकी है।
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