भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए लाओस का समर्थन
लाओस के प्रधानमंत्री थोंगलाउन सिसोउलिथ ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन जताया।
वियनतियाने: लाओस के प्रधानमंत्री थोंगलाउन सिसोउलिथ ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन जताया। उन्होंने यह समर्थन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यहां गुरुवार को 14वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन तथा 11वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन से इतर हुई द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान जताया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, "लाओस के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार व सुधार और इसमें भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है।"
उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच क्षेत्रीय विकास के मुद्दों पर चर्चा हुई। स्वरूप के अनुसार, बैठक के दौरान थोंगलाउन ने लाओस की स्वतंत्रता के बाद से ही इसके समर्थन, खासकर मानव संसाधन विकास, कृषि, सिंचाई व बिजली के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत की सराहना की। मोदी ने कहा कि वह ऐसे समय में वियनतियाने आकर खुश हैं, जब भारत और लाओस अपने कूटनीतिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
मोदी ने सम्मेलन से इतर नोबेल पुरस्कार विजेता म्यांमार की स्टेट काउंसलर व विदेश मंत्री आंग सान सू की और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे से भी मुलाकात की। यहां पहुंचने के तुरंत बाद मोदी ने बुधवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात की थी। भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में गुरुवार को 10 दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों- इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, ब्रुनेई, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, वियतनाम और थाईलैंड के नेताओं ने हिस्सा लिया। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भी यहां हो रहा है, जिसमें 10 आसियान देशों के नेताओं के अतिरिक्त भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस के नेता हिस्सा ले रहे हैं।