तेहरान: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने सोमवार को कहा कि अमेरिका भरोसे लायक नहीं है, क्योंकि वाशिंगटन परमाणु समझौते (जॉइंट क्रंप्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन) पर अपने दायित्वों के निर्वहन में नाकाम रहा है। खामेनी ने कहा कि बीते साल 14 जुलाई को हुए परमाणु समझौते के दायित्वों को पूरा करने में अमेरिका की नाकामी के मद्देनजर, ईरान का यह अनुभव है कि उसपर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, "अमेरिका ने अपने दायित्वों (परमाणु समझौते पर) का उल्लंघन किया है और ईरान के अन्य देशों के साथ आर्थिक संबंधों को ध्वस्त करने में व्यस्त है।" खामेनी ने कहा, "ईरान पर लगे प्रतिबंधों को जल्द से जल्द उठाया जाना था, ताकि वह लोगों के जीवन पर इसका (सकारात्मक) प्रभाव छोड़ सके।"
उन्होंने कहा, "छह महीनों (समझौते के क्रियान्वयन के बाद) बाद भी हालांकि लोगों के जीवन में कोई ठोस बदलाव नहीं आया।" ईरान तथा दुनिया के शक्तिशाली पी5प्लस1 देशों के बीच वियना में बीते साल 14 जुलाई को परमाणु समझौता हुआ था, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तेहरान से परमाणु संबंधित सभी प्रस्तावों को हटा दिया था।
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