अंकारा: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने चेताते हुए कहा कि जेरूसल पर अमेरिका के कदम से मध्यपूर्व अस्थिर होगा और इससे इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष को सुलझाने में मदद नहीं मिलेगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एर्दोगन ने सोमवार को पुतिन के साथ बैठक के बाद एक संयुक्त संवददाता सम्मेलन में जेरूसलम पर अमेरिका के कदम का लाभ उठाने के लिए इजरायल की निंदा की। (विजय माल्या के वकीलों ने उठाया भारतीय न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल )
एर्दोगन ने कहा कि इजरायल ने अमेरिका के इस फैसले का फिलीस्तीनियों के खिलाफ दमन और हिंसा को बढ़ाने के अवसर के रूप में लाभ उठाया है। उन्होंने कहा, "इन हत्याओं को नजरअंदाज करना हर उस शख्स के लिए असंभव होगा, जिसके पास अंतरात्मा, नैतिकता और मूल्य हैं।" एर्दोगन इस सप्ताहांत इजरायली सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए दो फिलीस्तीनी नागरिकों का उल्लेख कर रहे थे।
एर्दोगन ने कहा कि तुर्की और रूस जेरूसलम पर अमेरिका के फैसले पर एक जैसा रुख रखते हैं और इस मुद्दे पर निकट सहयोग बनाए रखेंगे। पुतिन ने कहा कि जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिका के फैसले से इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष के सुलझने में मदद नहीं मिलेगी और इससे मध्यपूर्व में स्थिति और अस्थिर होगी। पुतिन ने कहा, "जेरूसलम के मुद्दे को इजरायल और फिलीस्तीन के बीच प्रत्यक्ष वार्ता से सुलझाया जाना चाहिए।"
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