यरूशलम: इस्राइल ने यरूशलम के एक अत्यधिक संवेदनशील पवित्र धार्मिक स्थल से मेटल डिटेक्टरों को हटा लिया है, जिसके लगाने के बाद से कई जगहों पर जानलेवा हिंसा होने लगी थी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध होने लगा था, जिसके बाद इस्राइल सरकार ने यह कदम उठाया है। हालांकि, मुस्लिम श्रद्धालुओं ने सरकार के आगामी कदमों पर आशंका जताते हुए इसका बहिष्कार करना जारी रखा है। फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि इस्राइल के इस कदम के बाद भी वह उसके साथ समन्वय पर अपने रूख को यथास्थिति बनाए रखेंगे। अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक स्तर पर हराम अल-शरीफ मस्जिद के परिसर को लेकर उत्पन्न विवाद को रोकने की जोरदार मांग के बीच मंगलवार को इस्राइल ने यह निर्णय किया। इस पवित्र स्थल यहूदी टेंपल माउंट के नाम से पुकारते हैं। इस पूरे विवाद से फलस्तीनियों के बीच बड़े पैमाने पर अशांति फैल गई है। (मैलवेयर वायरस के जरिए 25 करोड़ कंप्यूटर हैक करने के आरोप में 9 हैकर्स गिरफ्तार)
सरकार ने कहा है कि इस पवित्र स्थल को सुरक्षित करने के लिए अधिक सावधानी बरती जाएगी। 14 जुलाई को हुए एक घातक हमले के बाद इस स्थल के प्रवेश द्वार पर इन डिटेक्टरों को लगाया गया था। उस हमले में इस्राइल के दो पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी।
सुरक्षा दल ने मंगलवार को वहां से डिटेक्टरों और हाल ही में लगाए गए कैमरों को हटा लिया है। लेकिन फलस्तीनी लोग इस पवित्र स्थल पर नियंत्रण के लिए इस्राइल के प्रयास के तौर पर किए जाने वाले नए सुरक्षा इंतजामों पर नजर बनाए हुए हैं और इसके साथ ही इसका बहिष्कार करना जारी रखा है। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को इस्राइल के सुरक्षा कैबिनेट के इस फैसले का स्वागत किया था।
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