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ISIS ने 600 यजीदियों को एक साथ उतारा मौत के घाट!

बगदाद: इराक के मोसुल के पास आईएसआईएस के आतंकियों ने 600 यजीदी कैदियों को मौत के घाट उतारा। मिली जानकारी के अनुसार आईएसआईएस के आतंकी 600 कैदियों को लेकर मोसुल से सटे तल अफार डिस्ट्रिक्ट

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बगदाद: इराक के मोसुल के पास आईएसआईएस के आतंकियों ने 600 यजीदी कैदियों को मौत के घाट उतारा। मिली जानकारी के अनुसार आईएसआईएस के आतंकी 600 कैदियों को लेकर मोसुल से सटे तल अफार डिस्ट्रिक्ट ले गए थे और वहीं उनको मौत के घाट उतार दिया।

यजीदी प्रोग्रेस पार्टी की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। यजीदी प्रोग्रेस पार्टी की ओर से एक बयान जारी कर इन हत्याओं की निंदा की गई है और इसे जघन्य अपराध करार दिया गया है।

यजीदी समुदाय के लोगों को इस्लाम में शैतान का उपासक कहा जाता है। आईएस के दरिंदे पिछले एक साल से यजीदी समुदाय के लोगों पर कहर बरपा रहे हैं। इन 600 लोगों को पिछले साल अगवा किया गया था। सूत्रों के मुताबिक इन पर लगातार इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया जा रहा था।

लेकिन जब यजीदियों ने इस्लाम कबूल करने से इनकार कर दिया तो इन्हें इनके कैंप में ही गोली मार दी गई। कुछ ही मिनटों में 600 जिंदा लोगों को लाश में बदल दिया गया।

यजीदी प्रोग्रेस पार्टी ने इराक की सेना से दखल देने की मांग की है ताकि बाकी बचे कैदियों को बाहर निकाला जा सके।

अपको बता दें कि पिछले वर्ष गर्मी में इराक के इस आतंकी संगठन ने कई हजार यजीदी कैदियों को कब्जे में ले लिया था। इससे पहले भी कई बार भारी संख्या में आईएसआईएस के आतंकी यजीदी कैदियों की सामूहिक हत्या कर चुके हैं।

यजीदी महिला कैदियों को यहां के आतंकी सेक्स जिहाद के काम में लगाते हैं। पिछले महीने इस्लामिक स्टेट के शिकंजे से आजाद हुई महिलाओं ने रुह कंपा देने वाली अपनी आपबीती सुनाई।

आईएस आतंकियों ने यजीदी समुदाय के 216 लोगों को रिहा किया था। आईएस के कब्जे से आजाद हुई लड़कियों के मुताबिक उन्हें बार-बार गैंगरेप का शिकार बनाया गया।

किसी कमरे में नहीं, बंद दरवाजे के भीतर नहीं, बल्कि सरेआम लड़कियों के साथ गैंगरेप किया गया। कभी दो तो कभी तीन-तीन दरिंदों ने उनके साथ बलात्कार किया। उनके अपनों के सामने, बंधकों के शिविरों में उन्हें वहशीपन का शिकार बनाया गया।

जानकारी के अनुसार अप्रैल महीने में आईएसआईएस ने कई यजीदी कैदियों को छोडऩे की बात की थी।

लेकिन उसके बाद आईएसआईएस की ओर से कैदियों को लौटाने के बदले 4 अप्रैल को उनके परिवार वालों से आईएसआईएस ने फिरौती की मांग की थी।

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