नई दिल्ली: इराक में सुरक्षाबलों के अपहरण और हत्या के आरोपी 12 आतंकवादियों को फांसी पर लटका दिया गया है। इराक के प्रधानमंत्री ने आतंकियों को फांसी दिए जाने की प्रक्रिया में हो रही देरी पर सवाल उठाए थे। जिसके कुछ घंटे बाद ही यह कदम उठाया गया है।
आतंकियों ने 6 सुरक्षाबलों का अपहरण कर उनका वीडियों इंटरनेट पर पोस्ट किया था। जिसमें उन्होनें तीन दिन में सरकार को महिला सुन्नी कैदियों को रिहा करने की मांग की थी और यह धमकी दी थी कि अगर ऐसा नही किया गया तो वे उन्हें मौत के घाट उतार देंगे। आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, सुरक्षाबलों को बुधवार को आठ शव मिले थे, शवों को देखकर पता चलता है कि IS ने उन्हें दिए गए समय से पहले ही मार दिया था। सरकारी प्रवक्ता ने कहा, आतंकियों की सजा पर अंतिम फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री के आदेश पर इस कार्यवाही को पूरा किया गया।
प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने कट्टरपंथी आतंकवादियों पर दिसंबर में अंतिम जीत की घोषणा की थी। आंतकी इराक में अभी भी इराक-सीरिया सीमा पर सक्रिय है, और इराक में घात लगा कर हमले करना, हत्या और विस्फोट करने जैसी गतिविधियों को अंजाम दे रहे है। पिछले कुछ हफ्तों में उत्तरी दिशा से राजधानी बगदाद को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गो पर आतंकी घटनाऐं बढ़ी है।
जानें कौन है ISIS
आईएसआईएस का पूरा नाम इस्लामिक स्टेट इन इराक़ एंड अल शाम है। 2014 में इस चरमपंथी संगठन का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर तब आया जब इसने इराक़ और सीरिया के इलाकों का बड़ा हिस्सा अपने काबू में कर लिया। ये संगठन अपने बर्बर बर्ताव के लिए बदनाम है और जैसा कि इसके नाम से जा़हिर है इसका मकसद इराक़ और सीरिया में इस्लामिक राज्य स्थापित करना है।
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