तेहरान: ईरान ने 2015 के ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते से अलग होने की अमेरिका की धमकी का कड़ा जवाब देने की प्रतिबद्धता जताई है। ईरान ने विश्वास जताया कि इससे देश को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार को कहा, "2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका के संभावित रूप से अलग होने से ईरान की अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।" (अमेरिका द्वारा लगाए गए मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को ईरान ने किया खारिज )
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रूहानी के हवाले से बताया कि ईरान संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (जेसीपीए) के नाम से प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने के संभावित फैसले के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि ईरान प्रशासन ने ईरान के खिलाफ अमेरिका के संभावित फैसले को ध्यान में रखते हुए ऐहतियाती कदम उठाते हुए हाल ही में अपने मुद्रा बाजार में सुधार किए हैं।
ईरान सेंट्रल बैंक (सीबीआई) ने पिछले सप्ताह मुद्रा दरों को स्थिर रखने के लिए गैर सरकारी विदेशी मुद्रा बाजारों पर विदेशी मुद्रा खरीदने, बेचने और स्थानांतरितकरने पर प्रतिबंध लगाया था। इसी बीच ईरान के परमाणु विभाग के प्रमुख ने शनिवार को कहा कि अगर अमेरिका ने परमाणु समझौते को तोड़ने का फैसला किया तो इसके जबाव में उसे तेहरान की प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना होगा। अली अकबर सालेही ने कहा, "हमने कई बार कहा कि हमें उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा, लेकिन हम दूसरे पक्ष (अमेरिका) को स्तब्ध के लिए तैयार हैं।"
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