नई दिल्ली: ईरान ने भारतीय तेल रिफाइनरी कंपनियों एस्सार आयल और मेंगलूर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लि. (एमआरपीएल) से उसके कच्चे तेल के बकाए का भुगतान छह महीने में यूरो में करने को कहा है। यह बकाया करीब छह अरब डॉलर बैठता है। अमेरिका द्वारा ईरान से प्रतिबंध हटाए जाने के बाद तीन साल पुरानी व्यवस्था समाप्त हो गई है। इसके तहत आयात बिल के कुल का 45 प्रतिशत रुपए में भुगतान किया जाता था और शेष 55 प्रतिशत राशि भुगतान चैनलों द्वारा भुगतान के लिए लंबित रखी जाती है।
मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि लंबित भुगतान छह अरब डॉलर से अधिक का है और ईरान इसे अगले छह महीने में किस्तों में लेने पर सहमत हुआ है। ईरान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर घोलामली कामयाब ने भारतीय अधिकारियों को सूचित किया है कि कच्चे तेल का भुगतान अब ईरान को यूरो में किया जाए, क्योंकि वह अमेरिकी वित्तीय प्रणाली के जरिए अमेरिकी डॉलर में निपटान नहीं ले सकता। ईरान भारतीय बैंकों के साथ यूरो खातों को फिर खोलेगा या सक्रिय करेगा। वह चाहता है कि रिफाइनरी कंपनियों से धन इन खातों में स्थानांतरित किया जाए।
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