नई दिल्ली: आंतरिक संघर्ष से जूझ रहे यमन में फंसे 440 लोगों को लेकर चला भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस मुंबई रविवार को सही सलामत पूर्वी अफ्रीकी देश जिबूती पहुंच गया। जहाज में भारत सहित 17 अन्य देशों के लोग सवार थे। जहाज पर 260 से अधिक भारतीय सवार थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने रविवार को ट्विटर पर लिखा, "हमने यमन में हमारे नागरिकों के साथ फंसे अफ्रीका, एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका सहित 20 अन्य देशों के 200 से अधिक नागरिकों को मदद उपलब्ध कराई है।"
अकबरुद्दीन ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "वसुधेव कुटुंबकम। आईएनएस मुंबई ने भारतीयों के साथ ही यमन से 17 अन्य देशों के नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।"
उन्होंने लिखा, "एक सुरक्षित ठिकाने का नाम है-आईएनएस मुंबई। हमने कल (शनिवार) एक मानवीय प्रयास के तहत 179 भारतीयों सहित अन्य 17 देशों के नागरिकों को अदन से सुरक्षित बाहर निकाला।"
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कर ने एक ट्वीट में बताया कि आईएनएस मुंबई जिबूती बंदरगाह पहुंच रहा है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "यमन से 441 लोग बचाए गए। यह लोग आईएनएस मुंबई पर सवार हैं। इनमें 240 पुरुष, 121 महिलाएं और 80 बच्चे हैं।"
जहाज पर सवार विदेशी नागरिकों के संबंध में उन्होंने लिखा, "हंगरी के चार, यमन के 93, यूके के 24, रूस के दो, फ्रांस के आठ, मिस्र 19, नेपाल का एक, कनाडा के दो और लेबनान के तीन नागरिक हैं।"
उन्होंने लिखा, "श्रीलंका का एक, मोरक्को का एक , सीरिया के दो, जॉर्डन के दो, इटली का एक, रोमानिया के दो, स्वीडन के पांच, अमेरिका के तीन नागरिक। कुल संख्या-176।"
वहीं, विदेश राज्यमंत्री वी.के. सिंह यमन में फंसे अन्य भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने की योजना बनाने में व्यस्त हैं।
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