पोर्ट मोरेस्बी: भारत और पापुआ न्यू गिनी ने स्वास्थ्य सेवा और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समझौतों समेत कुल चार समझौतों पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की प्रशांत द्वीप के इस देश की यात्रा के दूसरे व अंतिम दिन इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। भारत के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय और पापुआ न्यू गिनी के स्वास्थ्य व एचआईवी/एड्स मंत्रालय के बीच स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में व्यापक सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए दिए 10 करोड़ डॉलर
पापुआ न्यू गिनी की सरकार और भारत के एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ने एक अन्य समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किए। इसके तहत इस द्वीपीय देश को बुनियादी अवसरंचनाओं के विकास के लिए 10 करोड़ डॉलर का कर्ज दिए जाएगा। तीसरा समझौता इंडियन कौंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च, नई दिल्ली और पीएनजी यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, लाए के बीच कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में किया गया।
प्रणव मुखर्जी पापुआ न्यू गिनी जाने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति
चौथे एमओयू का संबंध भारत और पापुआ न्यू गिनी की सरकार के बीच इंडिया-पापुआ न्यू गिनी सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन आईटी से था। प्रशांत द्वीप के देशों में पापुआ न्यू गिनी सबसे बड़ा देश है। प्रणव मुखर्जी पहले ऐसे भारतीय राष्ट्रपति हैं जिन्होंने पापुआ न्यू गिनी का दौरा किया है।
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