दुनियाभर में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिन सभी महिलाओं के लिए बड़ा ही खास होता है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर महिला दिवस क्यों मनाया जाता है और 8 मार्च को ही इसे मनाने के पीछे क्या कारण है? यदि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास की बात की जाए तो इसे सबसे पहले 1909 में मनाया गया था। बाद में सन् 1975 में इसे संयुक्त राष्ट्र में मान्यता प्राप्त हुई। इसके बाद पूरी दुनिया में इसे त्योहार की तरह मनाया जाने लगा। (उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है अमेरिका- ट्रंप )
इस त्योहार को मनाने के पीछे असली मकसद महिलाओं के प्रति सम्मान और उनके प्रति अनुराग को दिखाना है। इस दिन सभी क्षेत्रों की महिलाओं को उनकी उपलब्धियों के लिए सराहा जाता है। इस दिन की शुरूआत 28 फरवरी 1909 में अमेरिका में हुई थी। इसमें अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने अहम भूमिका निभाई थी।
दरअसल उन दिनों न्यूयॉर्क में कपड़ा मिलों में काम करने वाली महिलाएं शोषण के चलते बेहद परेशान थीं। बीते एक साल से उनकी हड़ताल चल रही थी और उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। इनके इस संघर्ष को समर्थन देते हुए 28 फरवरी 1909 को सोशलिस्ट पार्टी ने इन्हें सम्मानित किया। अपने दम पर महिला गार्मेंट वर्कर्स ने तब काम के घंटे और बेहतर वेतनमान की अपनी लड़ाई में जीत हासिल की थी। उसी प्रकार रूस में 1913 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया, यहां प्रथम विश्व युद्ध का विरोध करने के लिए ये दिवस मनाया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने साल 2011 में मार्च के पूरे महीने को 'महिलाओं का महीना' के तौर पर मान्यता दी।
Latest World News