हरारे: जिम्बाब्वे की सत्तारूढ़ पार्टी जेडएएनयू- पीएफ राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए आज संसदीय प्रक्रिया शुरू करेगी। एक सांसद ने यह जानकारी दी। दरअसल, मुगाबे को इस्तीफा के लिए पार्टी द्वारा दी गयी समय सीमा आज समाप्त हो गयी। इसके बाद यह फैसला आया है। महाभियोग के लिए सांसदों के सामान्य बहुमत से वोट करने के बाद एक जांच समिति गठित की जाएगी। समिति संसद के दोनों सदनों को रिपोर्ट करेगी। इसके बाद प्रत्येक सदन उन्हें पद से बेदखल करने के लिए दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित करेगा। जेडएएनयू-पीएफ सांसद पॉल मंगवाना ने बताया, ‘‘हम प्रस्ताव के कल पूरा हो जाने की उम्मीद कर रहे हैं।’’ (महारानी एलिजाबेथ ने पति संग मनाई शादी की 70वीं वर्षगांठ)
उन्होंने बताया कि जेडएएनयू - पीएफ ने प्रस्ताव पारित करने के लिए विपक्षी मूवमेंट फॉर डेमोक्रेटिक चेंज से संपर्क किया है। वहीं, एपी की एक खबर के मुताबिक एक राष्ट्रीय संबोधन के दौरान मुगाबे द्वारा इस्तीफे की पेशकश नहीं किए जाने से जिम्बाब्वे के नागरिक हैरान हैं। उनके इस रूख से और अधिक प्रदर्शन होने की उम्मीद है। टेलीविजन पर कल देर रात अपने संबोधन में मुगाबे ने अपना शासन समाप्त होने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। देश में पिछले दो सप्ताह से इसी खींचतान के कारण राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। विपक्षी कार्यकर्ताओं और पूर्व सैनिकों के संगठन ने 93 वर्षीय मुगाबे पर पद छोड़ने का दबाव बनाने के लिए और अधिक प्रदर्शन करने की घोषणा की है। वह 37 साल से देश की सत्ता की बागडोर संभाल रहे हैं।
पूर्व सैनिकों के संगठन के नेता क्रिस मुत्सवांगवा ने कहा , ‘‘आपका समय खत्म हो गया है। पद छोड़ने की फौरन घोषणा कर आपको देश को और अधिक संकट से बचाने की गरिमा और शालीनता दिखानी चाहिए।’’ इस बीच, सत्तारूढ़ जेडएएनयू - पीएफ की केंद्रीय कमेटी ने मुगाबे को पार्टी नेतृत्व पद से हटा दिया लेकिन अपने भाषण में कहा कि वह अगले महीने पार्टी कांग्रेस की अध्यक्षता करेंगे। वहीं, जिम्बाब्वे विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रदर्शन किया और परीक्षा में बैठने से इनकार कर दिया। वे लोग मुगाबे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
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