वाशिंगटन: ग्रीनलैंड में मौजूद बर्फ की चादर पृथ्वी के वायुमंडल के तेजी से गर्म होने के चलते 2003 की तुलना में चार गुना तेजी से पिघल रही है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। समुद्र के बढ़ते जल स्तर को लेकर चिंतित वैज्ञानिकों ने लंबे समय से ग्रीनलैंड के दक्षिणपूर्व और उत्तर पश्चिम क्षेत्रों पर लंबे समय से ध्यान केंद्रित किया है। दरअसल, वहां ग्लेशियर पिघल कर अटलांटिक सागर में मिल रहे हैं। यह अध्ययन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेश्नल एकेडमी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
अमेरिका के ओहियो स्टेट यूनीवर्सिटी के प्राध्यापक माइकल बेविस ने कहा कि अध्ययन में पाया गया है कि 2003 से 2013 के बीच ग्रीनलैंड के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में ग्लेशियर का एक बड़ा हिस्सा पिघल गया। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते ग्लेशियर पिघल रहा है। इसका मतलब है कि ग्रीनलैंड के दक्षिण पश्चिम हिस्से में गर्मियों के दौरान नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।
अध्ययन दल में शामिल वैज्ञानिकों के मुताबिक दक्षिण पश्चिम ग्रीनलैंड को अब तक एक गंभीर खतरा नहीं माना जाता था लेकिन समुद्री जल स्तर बढ़ने की भविष्य में यह एक बड़ी वजह बन सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका ऐसे द्वीपीय देशों पर गंभीर परिणाम देखने को मिल सकता है जो समुद्र के बढ़ते जलस्तर को लेकर खतरे का सामना कर रहे हैं।
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