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गाम्बिया ने भी की अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत छोड़ने की घोषणा

डाकार: गाम्बिया ने अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत को छोड़ने की घोषणा की है और आरोप लगाया है कि हेग स्थित यह न्यायाधिकरण लोगों की त्वचा के रंग के आधार पर (खासकर अफ्रीकी लोगों के साथ) उन

 President Yahya Jammeh- India TV Hindi President Yahya Jammeh

डाकार: गाम्बिया ने अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत को छोड़ने की घोषणा की है और आरोप लगाया है कि हेग स्थित यह न्यायाधिकरण लोगों की त्वचा के रंग के आधार पर (खासकर अफ्रीकी लोगों के साथ) उन पर अभियोजन चलाता है और उनका अपमान करता है। यह घोषणा कल देर शाम को की गई। इससे पहले इसी महीने दक्षिण अफ्रीका और बुरूण्डी भी इस संस्थान को छोड़कर जा चुके हैं। इस न्यायाधिकरण की स्थापना दुनिया के सबसे जघन्य अपराधों पर कार्यवाही के लिए की गई थी।

सूचना मंत्री शेरिफ बोजांग ने सरकारी टेलीविजन पर यह घोषणा की है और इसमें कहा है कि अफ्रीकी लोगों खासकर उनके नेताओं पर अभियोजन चलाने के लिए इस अदालत का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि दूसरी ओर पश्चिमी देशों में किए जा रहे अपराधों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर का उदाहरण दिया। आईसीसी ने इराक युद्ध के बावजूद उन पर अभियोग नहीं चलाया था।

बोजांग ने कहा, पश्चिम के कम से कम 30 देश ऐसे हैं जिन्होंने स्वतंत्र संप्रभु देशों और उनके नागरिकों के खिलाफ जघन्य युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है और यह सब आईसीसी की स्थापना के बाद की बात है लेकिन पश्चिम के किसी भी युद्ध अपराधी पर अभियोग नहीं चलाया गया। आईसीसी की स्थापना 2002 में हुई थी। इस न्यायाधिकरण पर अफ्रीका के साथ भेदभाव करने के आरोप लगते रहते हैं। इसे अमेरिका समेत कई देशों से सहयोग नहीं मिल रहा है। अमेरिका ने अदालत की संधि पर हस्ताक्षर तो किए थे लेकिन कभी भी इसे स्वीकर नहीं किया।

गाम्बिया चाहता था कि अदालत यूरोपीय संघ को सजा दे क्योंकि उसके तटों पर पहुंचने की कोशिश में हजारों अफ्रीकी प्रवासियों ने जान गंवा दी थी। लेकिन गाम्बिया का यह प्रयास असफल ही रहा है।

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