अंकारा: तुर्की के निर्वासित धर्म गुरु फतुल्लाह गुलेन ने तुर्की में सैन्य तख्तापलट की निंदा करते हुए इसमें अपनी किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। गुलेन इस वक्त अमेरिका में रह रहे हैं। वह कभी राष्ट्रपति रेसेप तईप एरदोगन के साथी हुआ करते थे।
उन्होंने ईमेल से जारी बयान में कहा, "मैं कड़े शब्दों में तुर्की में सैन्य तख्तापलट की निंदा करता हूं। सरकार का चुनाव उचित और निष्पक्ष चुनाव के जरिये ही होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "मैं खुदा से तुर्की, तुर्की के नागरिकों और मौजूदा समय में वहां रह रहे लोगों के लिए देश में हालात जल्द से जल्द शांतिपूर्ण होने की दुआ करता हूं।"
उन्होंने कहा, "किसी भी ऐसे व्यक्ति पर तख्तापलट की कोशिशों में संलिप्तता का आरोप लगाना अपमानजनक है, जिसने पिछले पांच दशकों में कई सैन्य तख्तापलट का सामना किया हो और इसकी पीड़ा झेली हो। मैं ऐसे आरोपों से साफ तौर पर इनकार करता हूं।"
एरदोगन घटना के तुरंत बाद ही इस्तांबुल से अंकारा पहुंचे और सरकार के हाथों में सत्ता होने की घोषणा करते हुए तख्तापलट के लिए गुलेन को जिम्मेदार ठहराया।
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