नैरोबी: इथियोपिया की सरकार ने संकट से घिरे टिग्रे क्षेत्र को हमेशा के लिए विद्रोहियों से मुक्त करने के लिए देश के सभी सक्षम नागरिकों से युद्ध के लिए सेना में शामिल होने का मंगलवार को आग्रह किया। युद्ध में शामिल होने का आह्वान करना एक बुरा संकेत है कि इथियोपिया की 10 करोड़ 10 लाख की आबादी को संघर्ष की ओर धकेला जा रहा है। प्रधानमंत्री आबेय अहमद ने पहले घोषणा की थी कि यह संघर्ष कुछ ही हफ्तों में खत्म हो जाएगा। यह जानलेवा लड़ाई अब टिग्रे के बाहर पड़ोसी क्षेत्रों तक फैल गई है और अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश में यह संघर्ष पूर्वी अफ्रीकी प्रायद्वीप को भी अस्थिर कर सकता है।
हजारों लोग मारे गए, बड़े पैमाने पर हुए गैंगरेप
मंगलवार को की गई इस घोषणा से सरकार द्वारा जून में घोषित एकतरफा संघर्ष विराम खत्म हो गया है। जून में उसकी सेना टिग्रे से पीछे हट गयी थी। इस नयी घोषणा से 9 महीने से चल रहे युद्ध में मृतकों की संख्या बढ़ना भी तय है। इसमें अब तक हजारों लोग मारे गए, व्यापक पैमाने पर गैंगरेप हुए और समुदायों का विस्थापन हुआ। टिग्रे में हजारों लोग एक दशक में दुनिया की सबसे भयंकर भुखमरी का सामना कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने बयान में इथियोपिया के सभी नागरिकों से टिग्रे बलों के जासूसों और एजेंटों का पर्दाफाश करने के लिए आंख और कान खुले रखने का आह्वान किया है।
कुछ जातियों को सता रहा है बदले का डर
प्रत्यक्षदर्शियों और वकीलों ने बताया कि संघर्ष के दौरान टिग्रे के हजारों निवासियों को पहले ही हिरासत में ले लिया गया है। लड़ाई बढ़ने से कुछ अन्य जातियों के लोगों में चिंता पैदा हो गई है जिन्हें डर है कि टिग्रे सेना बदला लेगी। टिग्रे सेना के प्रवक्ता गेताच्यू रेडा ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री ‘युद्ध के मोर्चे पर तोपों का शिकार बनने के लिए मिलिशिया को भेजना चाहते हैं’ और उसने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि ‘गैर प्रशिक्षित, हथियार चलाने की ट्रेनिंग न पाए लोगों’ को अब लड़ाई में शामिल किया जा रहा है।
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