अंकारा: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने चेताया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस्राइल की राजधानी के रूप में यरुशलम को मान्यता दिये जाने से क्षेत्र में पहले से मौजूद तनाव के और बढ़ने की आशंका है। ट्रंप के फैसले और अमेरिकी दूतावास को यरुशलम ले जाने संबंधी उनकी योजना के कारण यरूशलम में हिंसा भड़क गई है और आज लगातार पांचवें दिन इस निर्णय के विरोध में पश्चिम एशिया में प्रदर्शन जारी हैं।
अंकारा में कल एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पुतिन ने कहा, ‘‘रूस और तुर्की दोनों का मानना है कि यह फैसला.... पश्चिम एशिया में हालात को सुधारने में मददगार साबित नहीं हो रहा है बल्कि यह मौजूदा जटिल परिस्थितियों को और जटिल बना रहा है।’’ दिन में सीरिया और मिस्र का दौरा तथा एर्दोआन के साथ अपनी बैठक के बाद पुतिन ने चेताया, ‘‘यह इस्राइल-फलस्तीन शांति प्रक्रिया को अवरूद्ध कर सकता है।’’ एर्दोआन ने कहा कि इस मामले में उनकी और पुतिन की सोच समान है। उन्होंने इस्राइल पर आरोप लगाया कि वह लगातार ‘आग में घी डालने’ का काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस्राइल इसका प्रयोग फलस्तीनियों पर दबाव बनाने और उनके खिलाफ हिंसा बढ़ाने के लिए कर रहा है।’’ इससे पहले, काहिरा में पुतिन ने यरुशलम सहित सभी विवादों को लेकर फलस्तीन-इस्राइल वार्ता तुरंत शुरू करने की जरूरत पर बल दिया था। तुर्की के राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले का कड़ा विरोध कर रहे हैं और उन्होंने मुसलमानों से साथ आने का आह्वान करते हुए 13 दिसंबर को इस्तांबुल में इस्लामिक देशों की बैठक बुलायी है।
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