काहिरा: मिस्र की एक अदालत ने अपदस्थ राष्ट्रपति मुहम्मद मुर्सी की आजीवन कारावास की सजा को शनिवार को बरकरार रखा। मुर्सी को कतर जासूसी मामले के लिए जाना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिस्र की शीर्ष अपीलीय अदालत द कोर्ट ऑफ कैसेशन ने पूर्व राष्ट्रपति की अपील को खारिज कर दिया और कहा कि यह आदेश अंतिम है और इसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है।
अदालत ने इसी मामले में मुस्लिम ब्रदरहुड के 3 सदस्यों की मौत की सजा की भी पुष्टि की। मिस्र में आजीवन कारावास की सजा 25 वर्षों की जेल है। गोपनीय दस्तावेजों को कतर को लीक करने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करने और अल-जजीरा चैनल को इन्हें बेचने का दोषी पाए जाने के बाद जून 2016 में मुर्सी को यह सजा सुनाई गई थी। इन दस्तावेजों में कथित रूप से सैन्य खुफिया ,सशस्त्र बलों और राष्ट्र नीति से जुड़ी खुफिया जानकारी शामिल थीं जिनके लीक होने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में राष्ट्रपति भवन के निकट हिंसा को भड़काने में शामिल होने के लिए इसी अदालत ने पिछले अक्टूबर में मुर्सी की 20 वर्ष की सजा की पुष्टि की थी।
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