तेल अवीव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रात घोषणा की कि इस्राइल में भारतीय मूल के लोगों को भारत के प्रवासी नागरिक (ओसीआई) का कार्ड मिलेगा, भले ही उन्होंने यहां अनिवार्य सैन्य सेवा दी हो। मोदी ने यहां एक समारोह में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली, मुंबई और तेल अवीव के बीच सीधी विमान सेवा शुरू की जाएगी ताकि लोगों के बीच आपसी संबंधों को प्रोत्साहित किया जा सके। इस समारोह में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यहां भारतीय समुदाय की पुरानी मांग को पूरा करते हुए इस्राइल में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र भी खोला जाएगा। (भारत यात्रा पर बेबी मोशे को साथ लाएंगे इजरायली प्रधानमंत्री)
मोदी ने कहा कि उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को ओसीआई कार्ड लेने में आने वाली समस्याओं के बारे में सुना है। प्रधानमंत्री ने दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि भारत सरकार ने नियमों को सरल कर दिया है और इस्राइल में अनिवार्य सैन्य सेवा देने वालों को भी ओसीआई कार्ड दिया जाएगा। मोदी ने भारत की पूर्ववर्ती सरकारों पर स्पष्ट निशाना साधते हुए कहा कि इस्राइल से भारत के सदियों पुराने संबंध हैं लेकिन 70 साल में यहां किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने यात्रा नहीं की। यह तथ्य सवाल खड़े करता है।
उन्होंने मोदी, मोदी के नारों के बीच कहा, 70 साल में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री यहां आपका आशीर्वाद लेने आया है। मोदी ने नेतन्याहू को मेरा मित्र करार दिया और कहा कि उनके कल यहां आने के बादे से उनका जिस गर्मजोशी से स्वागत किया गया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने इस्राइल, खासकर उसके नवोन्मेषों एवं वैग्यानिक उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश ने यह दिखा दिया है कि संख्या या आकार मायने नहीं रखता बल्कि भावना मायने रखती है। वर्ष 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के दौरान एक भारतीय आया ने 11 वर्षीय मोशे होल्त्जबर्ग की जान बचाई थी। मोदी ने मोशे का जिक्र करते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि जीवन ने किस प्रकार आतंकवाद पर विजय प्राप्त की। उन्होंने आज दिन में मोशे से मुलाकात की थी।
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