जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रसेयस ने कहा है कि लगभग 100 देशों में अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप की पहचान की गई है और इसे देखते हुए दुनिया कोविड-19 महामारी के ‘बहुत खतरनाक दौर’ में है। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डेल्टा वेरिएंट विकसित और परिवर्तित हो रहा है और यह कई देशों में कोविड-19 का प्रमुख वायरस बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले ही दुनियाभर के नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि अगले साल इस समय तक, हर देश में 70 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण कर लिया जाए।’
‘3 अरब खुराकें पहले ही वितरित की जा चुकी हैं’
WHO चीफ ने कहा कि टीके की 3 अरब खुराकें पहले ही वितरित की जा चुकी हैं और ‘यह कुछ देशों की सामूहिक शक्ति के भीतर है कि वे कदम बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि टीके साझा किए जाते रहे।’ विश्व स्तर पर दी जाने वाली टीके की खुराक में से 2 प्रतिशत से भी कम गरीब देशों में हैं। हालांकि ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और कनाडा सहित अमीर देशों ने कोविड-19 के एक अरब टीके दान करने का संकल्प लिया है। WHO का अनुमान है कि दुनिया को टीकाकरण के लिए 11 अरब खुराकों की आवश्यकता है।
‘कुछ देश टीकाकरण में काफी आगे निकल गए हैं’
इससे पहले WHO चीफ ने गुरुवार को सितंबर तक प्रत्येक देश की कम से कम 10 पर्सेंट आबादी का कोविड-19 टीकाकरण करने की अपील की। साथ ही, उन्होंने महामारी को काबू करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के लिए टीकाकरण को सर्वश्रेष्ठ उपाय बताया है। WHO महानिदेशक ने डिजिटल माध्यम से आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम में कहा, ‘टीके तक पहुंच में अत्यधिक असमानता महामारी को दोतरफा तूल दे रही है। कुछ देश टीकाकरण में काफी आगे निकल गए हैं, जबकि कई अन्य देशों के पास अपने स्वास्थ्यकर्मियों, वृद्ध लोगों और अत्यधिक जोखिमग्रस्त समूहों के लिए भी टीके नहीं हैं।’ उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कुछ देशों द्वारा टीकाकरण नहीं कर सकना, अन्य सभी देशों के लिए खतरा है।
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