नई दिल्ली: ‘वो न रमजान समझते हैं न इबादत समझते हैं, बच्चे भूंख लगने पर बस निवाले समझते हैं।´ इसे इबादत का झूठा मुलम्मा कहें या धर्म का पाखंड लेकिन इसे किसी लिहाज से खुदा की बंदगी नहीं कहा जा सकता। एक बार फिर से आईएसआईएस का वो घिनौना चेहरा सामने आया है जिसे देखकर और सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। इस बार आईएसआईएस ने बच्चों को अपना निशाना बनाया है। सीरिया के दो बच्चों को महज इसलिए सूली पर लटका दिया गया क्योंकि उन्होंने रमजान के दौरान खाना खाने का मासूम गुनाह किया था।
सीरिया स्थित 'ऑर्ब्जेवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स' के मुताबिक, सीरियाई शहर डेर एजोर के मायादीन गांव में 18 साल से कम उम्र के दो लड़कों को क्रॉस से लटका दिया गया। बच्चों को संगठन की जिहादी पुलिस ने रमजान में दिन के समय खाना खाते हुए गिरफ्तार किया था। इन बच्चों को हिस्सबा (जिहादी पुलिस) के मुख्यालय में सजा दी गई। दोनों बच्चों को रस्सी के सहारे खंभे पर लटका कर मारा गया और शाम तक उनकी लाशें लटकती रहीं। इतना ही नहीं इन जालिमों ने लाशों के साथ एक नोट भी लिखकर लटकाया। इस पर लिखा था, ‘इन्होंने धर्म की चिंता किए बिना उपवास तोड़ा है।’
रमजान के दौरान क्या नहीं कर सकते-
इस्लामिक धार्मिक मान्यतों के मुताबिक रमजान में शाम ढलने तक, खाना, पीना, स्मोकिंग और सेक्स करने पर पाबंदी है। वहीं आईएसआईएस आतंकी शरिया का पालन न करने वालों को सिर कलम करने, पत्थरों से मारने, सूली पर लटकाने और कोड़े मारने की सजा देते हैं।
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