पनामा सिटी: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि भ्रष्टाचार, भेदभाव, शोषण और बुनियादी मानवाधिकारों के उल्लंघन के कारण दुनिया भर में सामाजिक संरचना बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने की वजह से अशांति, क्रोध, विद्रोह और चरमपंथ उत्पन्न होता है। पनामा सिटी में राजनयिकों और छात्रों को संबोधित करते हुए नायडू ने वर्तमान दुनिया में बढ़ते अलगाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की और गरीबी और असमानता जैसी बुनियादी समस्याओं को हल करने के लिए तीव्र सामूहिक वैश्विक प्रयास की मांग की।
उपराष्ट्रपति ने कहा,‘भ्रष्टाचार, भेदभाव, शोषण, हिंसा और बुनियादी मावाधिकार के उल्लंघन के कारण पूरे विश्व में सामाजिक संचरचना बिगड़ रही है।’ सरकारी विज्ञप्ति में नायडू के हवाले से कहा गया है,‘शोषण और स्थापित शासन प्रणाली की विफलता की इन बुराइयों और धारणाओं में अशांति, क्रोध, विद्रोह और चरमपंथ का कारण बनता है। हम जितनी जल्दी इन मुद्दों का प्रभावी ढंग से समाधान करेंगे, उतना ही बेहतर होगा ।’ नायडू ने जोर देकर कहा कि भारत देश के प्राचीन ज्ञान और मूल्यों के आधार पर एक नए वैश्विक व्यवस्था चाहता है जो सामंजस्यपूर्ण अस्तित्व का आधार है।
पनामा में करीब 40 देशों के राज दूतों ने बाद में नायडू से बातचीत की और केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए प्रमुख कदमों की सराहना की तथा तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था की सराहना की। ग्वाटेमाला और पनामा की यात्रा के बाद दिन में नायडू पेरू की राजधानी लीमा पहुंचे। इससे पहले बुधवार को नायडू की मुलाकात पनामा के राष्ट्रपति जुआन कार्लोस वरेला रोड्रिग्स से हुई थी जिसमें कृषि, व्यापार, स्वास्थ्य, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में द्वीपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई थी।
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