मॉस्को: रूस में अचानक कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं जिस कारण मेडिकल कर्मियों की हालत बदतर हो गई है। मरीजों की जांच के लिए पर्याप्त मेडिकल उपकरण उपलब्ध नहीं हैं। इस मौके पर डॉक्टर सरकार की आलोचना कर रहे हैं और इस आलोचना के एवज में उन्हें मौत मिल रही है। पिछले दो हफ्तों में रूस में 3 डॉक्टर अस्पताल की खिड़कियों से बाहर गिर गए हैं जिनमें से दो की मौत हो गई है। डॉक्टरों के साथ हुए रहस्यमयी हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
शनिवार को ही वोरोनिश में एक अस्पताल की खिड़की से गिरने के बाद एक एंबुलेंस डॉक्टर अलेक्जेंडर शुलेपोव की हालत गंभीर है। स्थानीय राज्य टेलीविजन ने कहा कि वह नोवोसाम्काया अस्पताल की दूसरी मंजिल की खिड़की से बाहर गिर गये थे, जहां वे काम करते थे और कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद अपना इलाज करा रहे थे।
शुलेपोव को 22 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उन्होंने और उनके सहयोगी अलेक्जेंडर कोश्यकिन ने एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद भी उन्हें काम जारी रखने के लिए मजबूर किया गया था।
इसी तरह 1 मई को साइबेरियाई शहर क्रास्नोयार्स्क के एक अस्पताल के कार्यवाहक मुख्य चिकित्सक ऐलेना नेपोन्माश्या की क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कथित तौर पर खिड़की से गिर गए और उनकी मौत हो गई। वहीं 24 अप्रैल को रूस की स्टार सिटी में आपातकालीन चिकित्सा सेवा के प्रमुख नताल्या लेबेडेवा का अस्पताल में गिरने के बाद निधन हो गया था।
इस बीच रूस में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 10 हजार से अधिक नये मामले सामने आए। इसके साथ ही देश में पहली बार कोविड-19 मरीजों की संख्या एक दिन में पांच अंकों में बढ़ी है।
अधिकारियों ने बताया कि कुल सामने आए 10,633 मामलों में आधे से अधिक मॉस्को से आए हैं। इससे यह चिंता बढ़ गई है कि कहीं मॉस्को की चिकित्सा सुविधा धराशायी न हो जाए। उल्लेखनीय है कि रूस में रिकॉर्ड 1,34,000 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं जबकि 1,420 लोगों की मौत हुई है।
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