नाइजीरिया के तीन गांवों पर बोको हराम के हमलों में 30 की मौत
कानो: बोको हराम के इस्लामी चरमपंथियों द्वारा अशांत उत्तरपूर्वी नाइजीरिया के तीन गांवों में सप्ताहांत पर बोले गए हमलों में 30 लोग मारे गए और 20 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी निगरानी समिति के
कानो: बोको हराम के इस्लामी चरमपंथियों द्वारा अशांत उत्तरपूर्वी नाइजीरिया के तीन गांवों में सप्ताहांत पर बोले गए हमलों में 30 लोग मारे गए और 20 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी निगरानी समिति के एक सदस्य ने दी है। नाइजीरियाई सेना को बोको हराम से लड़ने में मदद कर रहे नागरिक मुस्तफा करीमबे ने बोर्नो राज्य के वारवरा, मंगरी और बुरा-शीका नामक गांवों पर शनिवार को हुए हमलों के बारे में कहा, अधिकतर पीडि़तों की हत्या कर दी गई और अधिकतर घायलों को छुरे से काटे जाने के घाव हैं।
इन हमलों की खबर काफी देर से सामने आई क्योंकि इलाके के दूरसंचार खंभों को बोको हराम के पूर्व में किए गए हमलों में नष्ट कर दिया गया था। इससे संचार सेवा बाधित हो गई थी। इस्लामी चरमपंथियों ने गांवों पर धावा बोलकर कब्जा कर लिया और पीडि़तों को मारकर गांवों में आग लगा दी। ये गांव बुरातेई के निकट स्थित हैं, जो कि नाइजीरियाई सेना के उच्चतम प्रमुख टी यूसुफ बुरातेई का गृहनगर है। एक अन्य सदस्य मूसा सुलेमान ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रभावित हुए वारवरा में 20 लोग मारे गए। उसने कहा कि बुरा-शीका में हमलावरों ने छह लोगों को मार डाला और मंगरी में अन्य चार की हत्या कर दी गई।
एएफपी के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी द्वारा मई में पदभार संभाले जाने के बाद से अब तक हुई मौतों की संख्या 1530 से ज्यादा हो गई है। इन गांवों के लोग भागकर 30 किलोमीटर दूर स्थित बीउ में चले गए। बुरातेई और आसपास के इलाकों को बोको हराम द्वारा हाल में बोले गए घातक हमलों में निशाना बनाया गया है। इन हमलों में कई लोग मारे गए हैं पूरे-पूरे गांवों को लूटकर आग लगा दी गई है। निवासियों का मानना है कि सेना प्रमुख आतंक विरोधी अभियानों के तहत जो दबाव बोको हराम पर बना रहे है, ये हमले उसी के जवाब में किए जा रहे हैं। गुरूवार को बोको हराम के आतंकियों ने सेना प्रमुख की मां के गृहनगर कामूया गांव पर हमला बोलकर 14 लोगों को मार डाला था। इनमें से कुछ का सिर धड़ से अलग कर दिया गया था। इसके बाद गांव को आग लगा दी गई थी। नाइजीरियाई सरकार ने इस माह तक बोको हराम के उग्रवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है लेकिन हमले लगातार जारी रहने से इस लक्ष्य के तय समयसीमा में पूरा होने पर संदेह है। वर्ष 2009 में यह संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 17 हजार लोग मारे जा चुके हैं।