आगामी बुधवार यानी 31 जनवरी को साल का पहला चंद्रग्रहण दिखाई देगा। यूं तो हर साल चंद्रग्रहण दिखाई देता है लेकिन इस बार यह बेहद ही खास होगा। इस बार आपको आसमान में ब्लडमून और ब्लूमून साथ में दिखाई देगा। आपको बता दें कि यह केवल चंद्रग्रहण नहीं है बल्कि पूर्ण चंद्रग्रहण है। 31 को यह पूरे तीन साल दिखाई देगा। इस चंद्रग्रहण को भारत, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में साफ तौर पर देखा जा सकता है। भारत में यह शाम 5.58 मिनट से शुरू होकर 8.41 मिनट तक देख सकते हैं। (दुष्कर्म का विरोध करने पर पाकिस्तान में भाई ने की बहन की हत्या)
इस चंद्रग्रहण के खास होने की एक वजह यह भी है कि इसे आप नग्न आंखों से देख सकते हैं। इससे पहले साल 2017 और 2018 में ब्लूमून को काफी नजदीक से देखा गया था। इस बार चंद्रग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन चांद तीन रंगों में दिखाई देगा। चांद के यह तीन रंग 35 साल बाद देखने को मिलेंगे। इन तीन रंगों में सुपर मून, ब्लू मून और ब्लड मून तीनों का दीदार हो सकता है। इस तरह की घटना एशिया में 30 दिंसबर 1982 को हुई थी। आइए जानते हैं क्या होता है सुपर मून, ब्लू मून और ब्लड मून।
सुपर मून: सुपर मून तब होता है जब चांद और धरती के बीच की दूरी कम हो जाती है और पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है। इसे ही सुपर मून कहा जाता है। इस स्थिति में चांद काफी बड़ा और चमकदार दिखाई देता है।
ब्लू मून: इस स्थिति में भी पूर्ण चंद्रमा दिखाई देगा। लेकिन इसमें आपको चंद्रमा की निचली सतह पर नीला प्रकाश निकलता हुआ दिखाई देगा। इसे ब्लू मून कहा जाता है। माना जा रहा है कि अगला ब्लू मून साल 2028 और 2037 को देखने को मिलेगा।
ब्लड मून: इस स्थिचि में पृथ्वी की परछाई पूरे चंद्रमा को ढक देती है। लेकिन फिर भी सूर्य की कुछ किरणें चांद तक पहुंचती है। सूर्य की किरणें जब चंद्रमा पर पड़ती है तो यह लाल रंग का दिखने लगता है। जिस कारण इसे ब्लड मून कहा जाता है।
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