सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रपति टोनी एबॉट और विदेश मंत्री जूली बिशॉप ने बुधवार सुबह इंडोनेशिया से अपने राजदूत को वापस बुलाने की घोषणा की है। यह घोषणा इंडोनेशिया में दो ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को मृत्युदंड दिए जाने के बाद की गई है। समाचार पत्र 'सिडनी मार्निग हेराल्ड' के मुताबिक, एबॉट ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया एंड्र चान और मयुरन सुकुमारन को मंगलवार को मृत्युदंड दिए जाने के कारण इंडोनेशिया से अपने राजदूत को वापस बुला रहा है।
एबॉट ने कहा, "मृत्युदंड क्रूर होने के साथ-साथ अनावश्यक भी है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम इंडोनेशिया की संप्रभुता का सम्मान करते हैं, लेकिन जो हुआ उसकी निंदा करते हैं और यह सामान्य कार्रवाई नहीं है। इस वजह से चान और सुकुमारन के परिवार के साथ एकजुटता दिखाते हुए हमारे राजदूत को विचार-विमर्श के लिए वापस बुलाया जाएगा।"
ऑस्ट्रेलिया ने इससे पहले अपने नागरिकों को अन्य देशों में दिए गए मृत्युदंड पर अपने राजदूतों को वापस नहीं बुलाया है।
उन्होंने कहा, "मैं यह कहना चाहता हूं कि ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया के बीच संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन पिछले कुछ घंटों में जो कुछ भी हुआ है, उससे यह संबंध प्रभावित हुआ है।"
इधर, बिशॉप ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई राजदूत पॉल ग्रिगसन इंडोनेशिया के साथ आस्ट्रेलिया के भविष्य में संबंध को लेकर सरकार से चर्चा करने के लिए सप्ताह के अंत में स्वदेश लौट आएंगे।
उन्होंने कहा कि राजदूत को बुलाने का फैसला ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के साथ हुए व्यवहार के प्रति विरोध दर्शाने के लिए किया गया है।
इंडोनेशिया ने मंगलवार को मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में दोषी नौ में से आठ व्यक्तियों को मृत्युदंड दे दी।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने दोषियों को मृत्युदंड पर रोक लगाए जाने की अपील भी की थी। इसके बावजूद दोषियों को मृत्युदंड दी गई।
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