कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने आज यह पुष्टि की है कि उन्होंने अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को यह नहीं बताया कि ऑस्ट्रेलिया में देश के खर्च पर प्रशांत द्वीप शिविरों में अस्पष्ट संख्या में रह रहे शरणार्थियों के पुनर्वास पर अमेरिका सहमत हुआ था। कल इस समझौते की घोषणा करते हुए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि गुरूवार को ट्रम्प के साथ फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था या नहीं।
टर्नबुल ने नाइन नेटवर्क टेलीविजन से कहा, हम एक वक्त में एक प्रशासन से समझौता करते हैं और आप गोपनीय मामलों पर भविष्य के किसी प्रशासन के साथ चर्चा नहीं करते हैं। बहरहाल, टर्नबुल ने यह भी नहीं बताया कि इन शरणार्थियों का पुनर्वास ट्रम्प प्रशासन के 20 जनवरी को कार्यभार संभालने से पहले किया जाएगा अथवा नहीं। इनकी संख्या और समय पर फैसला अमेरिका करेगा।
ओबामा प्रशासन नाउरू एवं पापुआ न्यू गिनी जैसे द्वीप देशों में ऑस्ट्रेलिया के खर्च पर 1,300 शरणार्थी शिविरों में रह रहे इन शरणार्थियों के पुनर्वास पर सहमत था। चिकित्सकीय उपचार के लिए ऑस्ट्रेलिया आने वाले और वापस द्वीपों पर लौटने से इनकार करने वाले ऐसे 370 अन्य भी इसके योग्य हैं। ट्रम्प ने मुस्लिम प्रवासियों पर रोक या सख्त प्रतिबंध का आह्वान किया है और अधिकतर शरणार्थी पश्चिम एशिया, अफ्रीका और एशिया से आए मुस्लिम हैं।
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